
Katni Development Authority
कटनी. अपने गठन के 15 वर्ष बाद भी कटनी विकास प्राधिकरण शहरवासियों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका है। यहां शहर विकास की योजनाएं तो बनीं लेकिन कागजों से बाहर नहीं निकल सकीं। प्राधिकरण के कार्यकाल के 15 वर्षों में 16 अध्यक्षों ने कार्यभार संभाला। इनमें 13 कलेक्टर तो तीन बार शासन द्वारा नामांकित अध्यक्ष रहे, इसके बावजूद काम नहीं हुआ। दूसरी ओर शासकीय योजना के तहत सरकारी दामों पर जमीन, मकान और दुकान खरीदने का सपना देख रहा मध्यम व निम्न वर्ग बिल्डर और भूमाफियाओं के जाल में फंसता जा रहा है। कागजों से बाहर न निकल पाने वाली केडीए की योजनाओं के कारण शहर में बिल्डरों का बोलबाला है।
जानकारी के अनुसार शहर विकास को ध्यान में रखकर आवासीय व व्यवसायिक संरचनाओं का निर्माण कर समाज के प्रत्येक वर्ग को लांभान्वित करने के उद्देश्य कटनी विकास प्राधिकरण का गठन 9 दिसंबर 2010 को किया गया था। केडीए को वर्ष 2011 में 85.60 हैक्टेयर भूमि योजनाओं के लिए हस्तांतरित दी गई लेकिन अफसर और जनप्रतिनिधि सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ाते रहे और 2021 में शासन के नियमानुसार योजना में 10 प्रतिशत से अधिक कार्य न होने पर योजना व्यपगत कर दी गई। दूसरी ओर बीते वर्ष में शासन ने केडीए अध्यक्ष पद पर भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और भाजपा संगठन के शहडोल प्रभारी पीतांबर टोपनानी को मनोनीत किया है। हालांकि उनके कार्यकाल में भी कोई योजना धरातल पर नहीं आ सकी।
केडीए को झिंझरी में आवंटित 85.60 हैक्टेयर भूमि पर व्यपगत होने के बाद कुछ जमीन शासकीय आवासों के लिए 10 हेक्टेयर जमीन आवंटित कर दी। वर्तमान में केंद्रीय विद्यालय के लिए भी यहां जमीन आवंटित की जा रही है। वर्तमान में यहां केडीए के पास 70.60 हैक्टेयर भूमि शेष है।
केडीए को वर्ष 2013 में ग्राम खिरहनी में योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए 0.656 हैक्टेयर भूमि आवंटित की गई। केडीए ने यहां रिहायशी भवनों का निर्माण कर एक कालोनी विकसित करने की योजना बनाई लेकिन आवंटित जमीन तक पहुंचने कोई भी शासकीय मार्ग नहीं मिला। जिसके चलते योजना नहीं क्रियान्वित नहीं हो सकी।
झिंझरी आवासीय योजना के प्रथम चरण में 6.31 हेक्टेयर में बनी योजना के लिए जबलपुर विकास प्राधिकरण से राशि उधार लेकर कटनी विकास प्राधिकरण ने नगरनिगम को कॉलोनी विकास अनुज्ञा प्रदान करने के लिए अनुज्ञा शुल्क, आश्रय शुल्क, श्रमिक उपकर, पर्यवेक्षण आदि के मद मे 47 लाख 19 हजार 622 रुपए व प्रापर्टी टैक्स 26 लाख में से 9 लाख रुपए का भुगतान कर दिया है। अब इस योजना में जमीन के बदले सिर्फ प्रशासन को भूभाटक सहित अन्य भुगतान किया जाना है। भुगतान की प्रक्रिया पूर्ण होते ही यहां आगामी दो-तीन माह में कार्य शुरू हो सकती है।
दिलीप कुमार यादव कलेक्टर ने कहा कि कटनी विकास प्राधिकरण द्वारा शहर विकास को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई गई हैं। झिंझरी में छह हेक्टेयर से अधिक भूमि पर बनी आवासीय योजना की सभी अनुमतियां केडीए ने प्राप्त कर ली हैं। शासन द्वारा तय की गई भूभाटक की राशि जमा कराई जानी है, जिसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों से चर्चा की गई है। योजना का क्रियान्वयन जल्द होगा।
Updated on:
02 Apr 2025 08:11 pm
Published on:
02 Apr 2025 07:50 pm
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