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नियम विरुद्ध चल रहे थे 8 पैथोलॉजी सेंटर्स, बंद करने के आदेश से मचा हडक़ंप

Order to close eight pathology labs

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कटनी

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Balmeek Pandey

Nov 06, 2024

Lab Technician Admit Card 2024

12 दिन पहले एसडीएम ने लिखा था कार्रवाई के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र

कटनी. शहर में नियमों की अनदेखी करते हुए पैथोलॉजी सेंटर्स का संचालन किया जा रहा था। इसका खुलासा एसडीएम प्रदीप मिश्रा की जांच रिपोर्ट में हुआ। सरकार की स्पष्ट गाइडलाइन है कि बिना पैथोलॉजिस्ट के कोई भी केंद्र नहीं चल सकता, लेकिन शहर में ये नियमों को ताक पर रख दिए गए थे। एक पैथोलॉजिस्ट केवल दो सेंटर्स पर ही सेवाएं दे सकता है, लेकिन यहां कई सेंटर्स नियमों की अवहेलना कर रहे थे। 9 अगस्त को शासन के निर्देशों के बाद तीन जांच दल बनाए गए, जिनमें तहसीलदार और चिकित्सकों को शामिल किया गया था। इन दलों ने शहर के 8 पैथोलॉजी सेंटर्स की जांच की, जिनमें से अधिकांश में अनुबंधित चिकित्सक या तो नहीं थे या हाजिर नहीं हुए। यह सेंटर आयुष पैथोलॉजी, बालाजी, नेमा, अदिति, गणेश, गुरु, जालपा मेडिकल और राधिका पैथोलॉजी शामिल हैं। जांच दल ने पाया था कि इन केंद्रों पर लैब टेक्नीशियन द्वारा पैथोलॉजिस्ट के डिजिटल हस्ताक्षर का इस्तेमाल करके रिपोर्ट जारी की जा रही थीं, जिससे जांच की गुणवत्ता पर सवाल उठे। इस लापरवाही पर कार्रवाई करते हुए सीएमएचओ ने तत्काल पैथोलॉजी सेंटर बंदर करने के आदेश दिए हैं। इस आदेश से सेंटर संचालकों में हडक़ंप मच गया है।

यह होगी कार्रवाई
सीएमएचओ ने जारी किए गए आदेश में कहा कि पैथोलॉजी सेंटर की जांच तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं चिकित्सक के द्वारा गठित दल ने किया। जांच के दौरान अनुबंधित चिकित्सक नहीं पाए गए। अनुविभागीय कार्यालय द्वारा संबंधित चिकित्सक को मौखिक रूप से कई बार पैथोलॉजी अनुबंध के संबंध में उपस्थित होने कहा गया, लेकिप उपस्थित नहीं हुये हैं। प्रमुख सचिव के द्वारा भी पैथोलॉजी लैब संचालन के विनियमन के संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं जिसमें बिना योग्य पैथोलाजिस्ट के पैथोलॉजी को संचालन नियम विरूद्ध है। पैथोलाजी में अनुबंधित चिकित्सक एमबीबीएस योग्यताधारी है। आदेश प्राप्ति के तत्काल बाद पैथोलॉजी लैब स्वंय स्थायी रूप से बंद करना सुनिश्चित करें। निरीक्षण के दौरान अगर लैब का संचालन पाया जाता है तो मप्र उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 तथा नियम 1997 (यथासंशोधित) 2021 अनुसार पैथोलॉजी सील करने की वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

पैथोलॉजिस्ट की अनुपस्थिति पर मनमाना कार्य
शहर में अधिकतर पैथोलॉजी सेंटर्स का संचालन बिना पैथोलॉजिस्ट के हो रहा है। इनमें काम कर रहे टेक्नीशियन मात्र अनुमान के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, जिससे मरीजों की जान खतरे में पड़ रही है। वहीं, कुछ सेंटर्स पर नोएडा और गुजरात में नौकरी कर रहे पैथोलॉजिस्टों के नाम से डिजिटल हस्ताक्षर का इस्तेमाल कर रिपोर्ट जारी की जा रही हैं। कई बार जांच रिपोर्ट में अनियमितताएं सामने आई हैं, जिससे मरीजों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती रही।

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स्वास्थ्य विभाग नहीं कर रहा था कार्रवाई
एसडीएम की ओर से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके अठया को 25 अक्टूबर को 8 पैथोलॉजी सेंटर्स पर कार्यवाही करने पत्र दिया गया था, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारी कार्रवाई करने से परहेज कर रहा था। लंबे समय से शहर के पैथोलॉजी सेंटर मरीजों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे थे। पत्रिका ने प्रमुखता से समस्या को उजगार किया गया, जिसके बाद स्वास्थ्य प्रबंधन ने सक्रियता दिखाते हुए कार्रवाई की है।

वर्जन
जांच रिपोर्ट प्राप्त में नियम विरुद्ध पैथोलॉजी संचालन करते पाया गया है। सभी 8 पैथोलॉजी के संचालकों को अनुबंध के संबंध में जवाब प्रस्तुत करने कहा गया, लेकिन नहीं हुए। इस पर कार्रवाई करते हुए सभी को संचालन बंद करने के आदेश दिए गए हैं। 24 घंटे के बाद संचालन पाए जाने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। नए सिरे से भी जांच की जाएगी।
डॉ. आरके अठया, सीएमएचओ।