
Paddy procurement centers will be given to women
कटनी. एक दिसंबर से जिले के 72 उपार्जन केंद्रों में किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदी की जानी है। दो-तीन दिन का समय शेष है। इन सबके बीच अब महिला सशक्तिकरण का राग अलापा जा रहा है। उपार्जन केंद्र महिलाओं के हाथ सौंपने के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कराई जा रही है। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के निर्देशानुसार धान एवं मोटा अनाज के उपार्जन कार्य में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित कराने जिले के आठ उपार्जन केंद्रों के संचालन के लिए महिला स्व सहायता समूहों के आवेदन पत्र लिए जा रहे हैं।
जिला पंचायत के सीईओ शिशिर गेमावत ने बताया कि धान उपार्जन कार्य में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए पात्रता के मापदंडों के अनुसार आवश्यक दस्तावेज के साथ इच्छुक महिला स्व सहायता समूहों के आवेदन पत्र जिला पंचायत कार्यालय में कार्यालयीन समय में लिए जा रहे हैं। आवेदन पत्रों के जमा किए जाने के लिए दो दिवस की समय सीमा नियत की गई है। जिला पंचायत सीईओ ने कहा कि पात्रता के अनुसार चयनित महिला स्व सहायता समूह को धान उपार्जन कार्य का उत्तरदायित्व सौंपा जाएगा।
इन केंद्रों की दी जानी है जिम्मेदारी
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की जिला प्रबंधक शबाना बेगम ने बताया कि तहसील कटनी के उपार्जन केंद्र हीरापुर कौडिय़ा, बरही के हदरहटा क्रमांक 1 और 2, पिपरिया कला, करेला और बगैहा में, रीठी के हरद्वारा और बहोरीबंद के मसंधा में उपार्जन कार्य संचालन के लिए निर्धारित पात्रता के अनुसार आवेदन पत्रों का परीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
निगरानी न होने से हुई थी गड़बड़ी
तीन साल पहले भी जिले में महिला स्व सहायता समूहों को उपार्जन केंद्र सौंपे गए थे। हालांकि नाम मात्र के लिए महिलाओं के नाम थे, इन समूहों पर ठेकेदारों व सेल्समैनों की ही कब्जा था। ठीक से निगरानी न होने के कारण व्यापक गड़बड़ी सामने आई थी, जिसके बाद एफआइआर भी दर्ज हैं और मामलों की जांच चल रही है। अब एक बार फिर उपार्जन केंद्र देने की प्रक्रिया शुरू की गई है। ऐसे में यह आवश्यक है कि महिला सशक्तिकरण का ध्येय पूरा होना चाहिए।
Published on:
29 Nov 2024 08:07 am
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