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राजस्व कर्मचारियों ने रिकॉर्ड में तालाब को बताया खेत, हुई रजिस्ट्री अब पाटकर बना रहे मैदान

बहोरीबंद बसस्टैंड के समीप एसडीएम कार्यालय से थोड़ी ही दूरी पर जिंदा तालाब को पाटने की तैयारी, जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी.

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pond destroyed

बहोरीबंद में बसस्टैंड के समीप कटहा तालाब में पाटी जा रही मिट्टी.

कटनी. बहोरीबंद विकासखंड मुख्यालय में बसस्टैंड के समीप कटहा तालाब को राजस्व रिकॉर्ड में सिंचित जमीन दर्ज कर दिया। सांठगांठ के इस खेल में तालाब के सिंचित जमीन दर्ज हो जाने के बाद रजिस्ट्री हो गई और अब जलभराव वाले जिंदा तालाब में मिट्टी पाटकर मैदान बनाया जा रहा है। 14 मार्च को तहसीलदार को स्थानीय ग्रामीण रक्को बाई, गोविंद सैनी, संतोष, सुनील, संध्या, हसन खान, कोमल, जगदीश बर्मन सहित अन्य के द्वारा दिए गए हस्ताक्षरित पत्र में आरोप लगाया गया है कि खसरा नंबर 1139 रकबा 0.65 हेक्टेयर जमीन लक्ष्मी प्रसाद ने केशव प्रसाद गुप्ता के नाम 2013-14 में रजिस्ट्री करवा दी। इसी समय खसरा नंबर 1141 रकबा 0.69 हेक्टेयर को जमुना प्रसाद वगैरह ने केशव गुप्ता के नाम पर रजिस्ट्री करवाई। ग्रामीणों का आरोप है कि रजिस्ट्री से पहले तालाब को सिंचित खेत मद बता दिया गया और रजिस्ट्री हो जाने के बाद निस्तारी तालाब को पाटा जा रहा है।

इस पूरे मामले को लेकर कलेक्टर प्रियंक मिश्रा जांच करवाने की बात कह रहे हैं। उन्होंने बताया कि बहोरीबंद में तालाब को गलत तरीके से रिकार्ड में सिंचित जमीन बताया गया है तो जांच करवाकर जरुरी कार्रवाई की जाएगी।

सवाल यह भी
- 4 सौ डंफर से ज्यादा मिट्टी पाटी जा चुकी है, सीएम हेल्पलाइन और तहसीलदार को शिकायत के बाद नहीं हो रही कार्रवाई.
- ग्रामीणों का कहना है कि नगर के सैकड़ों की आबादी के बीच एक ही निस्तारी तालाब है। इसे पूर दिए जाने से मवेशियों को भी पेयजल संकट का सामना करना पड़ेगा।

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