
शहरवासियों की प्यास बुझाने वाली व्यवस्था का ‘निजीकरण’
कटनी. शहर के 22 हजार घरों में नल कनेक्शन के माध्यम से नगर निगम द्वारा पेयजल सप्लाई की जा रही है। यह व्यवस्था अभी तक नगर निगम संभाल रही थी, लेकिन अब पानी कटनी नदी से उठाकर फिल्टर करते हुए उसकी सप्लाई, टंकियों का रख-रखाव व पाइप लाइन का संधारण सहित लोगों के घरों में कनेक्शन देना, समस्या पर सुधार कराने का काम अमृत प्रोजेक्ट के तहत ठेका कंपनी को सौंप दिया गया है। मई माह से ठेका कंपनी इंडियन ह्यूम पाइप द्वारा काम देखा जा रहा है। निजीकरण होने के साथ ही समस्याओं का सामना लोगों को करना पड़ रहा है। कनेक्शन के लिए लोग परेशान हो रहे हैं।
जानकारी के अनुसार 21.21 करोड़ रुपए की लागत से अमृत प्रोजेक्ट पर काम होना था। इस योजना के तहत शहर में 17 हजार नल कनेक्शन ठेका कंपनी को करने थे, 2017 से अभी तक कंपनी ने 5 हजार कनेक्शन किए हैं, लगभग 17 हजार कनेक्शन होना शेष हैं। अब इन कनेक्शनों को सतत किए जाने का राग अलापा जा रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी की अन्ट्रेंड स्टॉफ के ठेका कंपनी यहां पर काम देख रही है, जिसका आलम यह है कि समय पर टंकियों में पानी नहीं पहुंच रहा तो कई जगह सप्लाई भी बाधित रहती है। नगर निगम द्वारा पांच सालों तक सिर्फ ठेका कंपनी की मॉनीटरिंग की जाएगी।
स्टॉफ की कमी प्रमुख समस्या
इंडियन ह्यूम पाइप कंपनी के ठेकेदार के पास पर्याप्त व ट्रेंड कर्मचारी नहीं हैं, जिसके चलते पाइप लाइन के रख-रखाव, सुधार कार्य सहित अन्य कार्यों में समस्या जा रहा है। ठेका कंपनी द्वारा पाइप लाइन, पीएलसी स्क्वाडा, चेम्बर निर्माण, वाल्व लगाने का काम आदि ठीक से नहीं हो पा रहा है।
यह भी चल रही है मनमानी
जानकारी के अनुसार अमृत प्रोजेक्ट में 8-8 घंटे की कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जानी चाहिए, ताकि सुचारू रूप से फिल्टर प्लांट सहित अन्य स्थानों पर काम हो सके, लेकिन यहां पर कई ऐसे लोग हैं जिनकी 24 घंटे ड्यूटी लगाई जाती है। इससे कर्मचारी परेशान होते हैं और काम की गुणवत्ता पर भी प्रभाव पड़ रहा है।
नहीं भर पातीं समय पर टंकियां:पार्षद
जबसे पेयजल व्यवस्था निजी हाथों में गई है आए दिन व्यवस्था गड़बड़ाती है। नेहरू वार्ड पार्षद शशिकांत तिवारी ने बताया कि क्षेत्र की टंकियां समय पर नहीं भरी जाती। इंडस्ट्रियल एरिया की टंकी में आए दिन समस्या होती है। इंजीनियर और सुपरवाइजर भी इस पर ध्यान नहीं देते।
बुधवार को पहुंचा कैमिष्ट
नगर निगम के कटायेघाट के फिल्टर प्लांट में लगभग 15 दिनों से अमृत प्रोजेक्ट का कैमिष्ट नहीं था। नगर निगम के उपयंत्री राजकुमार तिवारी के देखरेख में पानी फिल्टर हो रहा था। इनके द्वारा पीएचई से ट्रेनिंग ली गई है, उसी आधार पर पानी को फिल्टर कराया जाता है।
योजना को लेकर खास-खास
- 5 बड़ी टंकियों व 28 छोटी टंकियों के माध्यम से पानी सप्लाई कर रही ठेका कंपनी।
- 24.50 एमएलडी हो रही पानी की सप्लाई, जबकि 33 एमएलडी होना चाहिए।
- 135 लीटर प्रति व्यक्ति के मान से एक लाख 10 हजार के लिए दिया जा रहा पानी।
- प्रथम वर्ष में 10 प्रतिशत राशि ठेका कंपनी को की जाएगी भुगतान।
- शहर में अमृत योजना के तहत काम लेट करने पर नगर निगम ने लगाई है पेनाल्टी।
- राशि जमा करने के बाद भी कई उपभोक्ता कनेक्शन के लिए काट रहे चक्कर।
वर्जन
ठंका कंपनी के प्रतिनिधि के साथ एक बैठक हुई है। 12 को फिर बैठक होगी। ठेका कंपनी को अमृत योजना के अनुबंध अनुसार कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। बुधवार से कैमिष्ट कंपनी का पहुंच गया है। अभी नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी भी व्यवस्था देख रहे हैं। शहर में पेयजल संबंधी कोई समस्या न हो, यह व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
केपी शर्मा, कार्यपालन यंत्री नगर निगम।
Published on:
08 Sept 2023 10:46 pm
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