– 34.9 किलोमीटर है ग्रेड सेपरेटर की कुल लंबाई
– 18.3 किलोमीटर का वॉयडक्ट
– 4.3 किलोमीटर का रिटेनिंग वॉल
– 12.3 किलोमीटर अर्थवर्क
– 673 पियर्स अब्यूटमेंट्स
– 08 रेल ओवर ब्रिज (आरओआर)
– 06 मेजर ब्रिज निर्माण कार्य के साथ एलिवेटेड डेक पर पॉइंट्स और क्रासिंग का भी कार्य किया जा रहा है।
– इसमें उच्च गुणवत्ता वाले मैटेरियल एवं तकनीक तथा हैवी मशीनिरी का उपयोग किया जा रहा है।
– 2.6 लाख क्यू-एम कांक्रीट, 37000 मीट्रिक टन स्ट्रक्चरल स्टील का उपयोग किया जा रहा है।
– 1247.64 करोड़ रुपए है निर्माण लागत। यह देश का सबसे बड़ा ग्रेट सेपरेटर होगा।
– 25 फीसदी कार्य अब तक पूरा हो गया है।
– इस ग्रेड सेपरेटर के बन जाने से बीना-कटनी के रेलखंड में मालगाड़ी के परिचालन में वृद्धि के साथ गति प्रदान करेगा।
– इस परियोजना के पूर्ण होने से कटनी से बिलासपुर और सिंगरौली के लिए अतिरिक्त रेल लाइन का सीधे संपर्क जुड़ जायेगा और कटनी, नई कटनी, कटनी मुड़वारा जैसे अतिव्यस्त क्षेत्र से रेलखंड का बायपास होगा।
आरओबी में होगा जंक्शन, इसलिए कहलाता है उड़ता जंक्शन
कटनी की ग्रेड सेपरेटर परियोजना में अप और डाउन दोनों ही लाइन में रेलवे ओवरब्रिज—आरओबी का निर्माण किया जा रहा है। दोनों लाइन आरओबी में उपर ही उपर पड़रिया फाटक के पास मिलेगी और आगे मझगवां तक जाएगी। दोनों ही लाइन में आरओबी में पड़रिया फाटक और बिमरौल नदी के पास जंक्शन होगा। आरओबी में उपर ही उपर जंक्शन होने के कारण इस परियोजना को उड़ता जंक्शन कहा जा रहा है।