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खत्म होगी जंक्शन की डायमंड क्रॉसिंग, इस पहल से बढ़ेगी ट्रेनों की रफ्तार, ए केबिन के समीप चलेगा एनआइ वर्क

locationकटनीPublished: Sep 20, 2019 11:33:59 am

Submitted by:

balmeek pandey

ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों खासकर जो कटनी-प्रयाग रेलखंड पर यात्रा करते हैं उनके लिए राहत भरी खबर है। अब कुछ दिनों के बाद कटनी स्टेशन के काउटर में कम होने वाली ट्रेनों की रफ्तार से निजात मिल जाएगी। 15 से 30 किलोमीटर प्रतिघंटा के मान से दौडऩे वाली ट्रेनें एनआइ वर्क के बाद 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी। इसके लिए रेलवे ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। अफसरों की मुहर लगते ही एनआइ वर्क शुरू होगा।

Gondia-Barauni Express will be canceled till 13

Gondia-Barauni Express will be canceled till 13

कटनी. ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों खासकर जो कटनी-प्रयाग रेलखंड पर यात्रा करते हैं उनके लिए राहत भरी खबर है। (Rail NI Work) अब कुछ दिनों के बाद कटनी स्टेशन के काउटर में कम होने वाली ट्रेनों की रफ्तार से निजात मिल जाएगी। (Diamond Crossing) 15 से 30 किलोमीटर प्रतिघंटा के मान से दौडऩे वाली ट्रेनें एनआइ वर्क के बाद 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी। (West Central Railway) इसके लिए रेलवे ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। अफसरों की मुहर लगते ही एनआइ वर्क शुरू होगा। (Indian Railways) ट्रेनों की धीमी गति की समस्या से निजात वर्षों पुरानी समस्या से निजात मिल जाएगी। मेन लाइन न सिर्फ सीधी हो जाएगी बल्कि कटनी जंक्शन के प्लेटफॉर्मों की कनेक्टिविटी भी ठीक हो जाएगी, ताकि दोनों रूट की ट्रेनें आसानी से प्लेटफॉर्मों में ली जाए सकें।

 

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बहुत पुराना है डायमंड सिस्टम
रेल सूत्रों की मानें तो ए केबिन के पास बना रेलपांत का डायमंड सिस्टम अंग्रेजों के जमाने का है। बढ़ती तकनीक और आधुनिक दौर में उस सिस्टम के खराब होने वाले उपकरण भी आसानी से उपलब्ध नहीं होते। बताया जा रहा है कि इस सिस्टम से इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट को भी काफी दिक्कत होती है। इसके अलावा यहां पर ट्रेनों के मूवमेंट में फर्क पड़ता है, इसलिए रेल अफसरों ने यह निर्णय लिया है। अभी कटनी से साउथ रेलवे स्टेशन तक याने कि ए केबिन के पास ट्रेनें 15 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ही चलती हैं, जिससे काफी समय प्रभावित होता है। इस समस्या से निजात दिलाई जानी है।

 

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खास-खास:
– ए और बी केबिन हो जाएगी सेट्रलाइज, एक जगह से हागी मॉनीटरिंग, जिससे ट्रेनों के परिचालन में होगी आसानी।
– स्टेशन के आउटर में ट्रेनों की रफ्तार धीमी होने के कारण होती हैं घटनाएं, एनआइ से दूर होगी समस्या।
– जबलपुर से प्लेटफॉर्म दो और तीन में आने वाली ट्रेनों के लिए पड़ता है अधिक घुमाव, जिससे रफ्तार हो जाती है कम।
– डाउन मेन लाइन 104 नंबर, अप लाइन में 102 नंबर पर होगा विशेष काम, 103, 104 पर भी होगा काम।

 

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इनका कहना है
ट्रेनों की रफ्तार को बढ़ाने और समस्या समाधान को लेकर एनआइ वर्क होगा। इसमें डायमंड क्रॉसिंग को अलग किया जाएगा। प्रस्ताव तैयार कर अधिकारियों को भेजा है। एजीएम और जीएम के साथ मीटिंग होनी है। मेन लाइन अभी सीधी नहीं है, क्रॉसिंग भी सीधी होगी। मेन लाइन में दोनों साइड में क्रॉसिंग है। डाउन वाली लाइन अप में कन्वर्ट होती है। प्लेटफॉर्म दो की लाइन लूप लाइन में हो जाएगी। इससे ट्रेनों की रफ्तार पर बहुत फर्क पड़ेगा।
प्रसंन्न कुमार, एरिया मैनेजर।

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