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दंगा नियंत्रण के लिए के MP थानों में पहुंची रेपिड एक्शन फोर्स-101

- टीम ने यहां हर चीज के बारे में बारिकी से जाना

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कटनी

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Deepesh Tiwari

Jan 31, 2023

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कटनी। प्रयागराज से आई रेपिड एक्शन फोर्स-101 (आरएएफ) जिले में भ्रमण कर दंगों से निपटने की जानकारी दे रही है। आरएएफ की यह टीम कुठला थाना, एनकेजे थाना व क्षेत्र में पहुंची। जहां पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों व रहवासियों के अलावा पुलिस के साथ टीम ने चर्चा की और इनके द्वारा दंगा सहित अन्य प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए तैयारी की जा रही है।

इस दौरान पूर्व में यहां हुए समस्त दंगों उसमें चाहे वे राजनीतिक हों या फिर विद्यार्थियाें के या फिर सांप्रदायिक हर बारे में बारिकी से जाना। साथ ही इन्हें रोकने के लिए भी चर्चा की गई। इसके अलावा कटनी जिले की भोगौलिक स्थिति को भी टीम देख रही है। आपको बता दें कि इस टीम को मुख्य रूप से सतना व कटनी जिले की जिम्मेदारी मिली है,यह टीम मुख्य रूप से कटनी व सतना से जुड़ी तमाम जानकारियां लेने आई है।

इस टीम की फाइटिंग फोर्स में 60 अधिकारी-कर्मचारी हैं, जो एक साथ एक स्थान पर पहुंचकर डाटा तैयार कर रहे हैं। यह डाटा 101 बटालियन के कमांडेंट मनोज कुमार गौतम के निर्देशन में असिस्टेंट कमांडेंट अवधेश कुमार के नेतृत्व में तैयार किया जा रहा है। टीम ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार जैन से भी मुलाकात कर आवश्यक चर्चा की। एसपी ने आवश्यक निर्देश दिए।

इस टीम में 3 टीआइ, 3 जेएसआइ, आरक्षी व मुख्य आरक्षी शामिल हैं। कुठला थाना प्रांगण में रैपिड एक्शन फोर्स ने बैठक की। इस दौरान बाल गंगाधर तिलक वार्ड से पार्षद वंदना यादव, राज किशोर यादव, आकाश गुप्ता, सरला मिश्रा, संतोष मिश्रा, बाबा ठाकुर, लखन साहू आदि मौजूद रहे।

आरएएफ यानि ''रैपिड एक्शन फोर्स''
आरएएफ यानि ''रैपिड एक्शन फोर्स'' एक विशेष फोर्स है जिसे अक्‍टूबर 1992 में सीआरपीएफ के 10 स्‍वाधीन बटालियन को परिवर्तित करके बनाया गया था। इन ईकाईयों को दंगों, दंगों जैसी उत्‍पन्‍न स्थितियों, समाज के सभी वर्गों के बीच विश्‍वास पैदा करने अैर आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी के लिए गठित किया गया था।

आरएएफ, सबसे विश्‍वसनीय फोर्स है जो बिना समय गंवाए, कम से कम वक्‍त में संकट की स्थिति उत्‍पन्‍न होने पर स्‍थल पर पहुंच जाती है और सामान्‍य जनता के बीच पहुंच उन्‍हे सुरक्षित करती है और उनमें विश्‍वास पैदा करती है कि उनकी सुरक्षा के लिए कोई है।

इस फोर्स यानि बल के पास एक अलग झंडे का अधिकार प्राप्‍त है जो शांति का प्रतीक है, इस झंडे को आरएएफ के 11 सालों तक देश की सेवा करने के उपलक्ष्‍य में तत्‍कालीन उपप्रधानमंत्री लाल कृष्‍ण आडवाणी ने 07 अक्‍टूबर 2003 को फोर्स को प्रदान किया।

आरएएफ, व्‍यवसायिकता के अपने सर्वोच्‍च क्रम के लिए अंतरराष्‍ट्रीय मंच में उत्‍कृष्‍टता और वाहवाही अर्जित करने के लिए लगातार प्रत्‍येक वर्ष विभिन्‍न देशों (जैसे- हैती, कोसोवो, लिबरा आदि) के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र शांति मिशन के लिए संयुक्‍त रूप से पुरूष और महिलाओं को प्रशिक्षित करता है।