
pwd send sheopur road upgradation proposal to government (फोटो- Freepik)
कटनी. मध्य प्रदेश लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेशभर में व्यापक निरीक्षण अभियान शुरू किया है। इसी क्रम में कटनी जिले को विशेष निगरानी सूची में शामिल किया गया है। पिछले दो दिनों से दो वरिष्ठ अधिकारी कटनी में जांच कर रहे हैं, लेकिन विभाग ने पूरी प्रक्रिया को पूरी तरह गोपनीय रखा है। जिला स्तर के अधिकारी निरीक्षण संबंधी किसी भी जानकारी से बचते रहे।
मुख्य अभियंता आईटी सेल डब्ल्यूएमएस द्वारा जारी आदेश के अनुसार निरीक्षण अधिकारी रैंडम आधार पर निर्माण कार्यों का परीक्षण, पोर्टल से एक दिन पूर्व चयनित कार्यों की सूची डाउनलोड और जांच रिपोर्ट उप मुख्य अभियंता को प्रस्तुत कर रहे हैं। यह कार्रवाई 30 जनवरी 2025 के आधार पर की जा रही है। जांच के लिए जारी आदेश में भोपाल, जबलपुर, सागर, रीवा, इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर परिक्षेत्रों के कई अधिकारियों के नाम और मोबाइल नंबर भी जारी किए गए थे। शामिल जिलों में कटनी, सीहोर, अशोकनगर, बड़वानी, मऊगंज, उज्जैन और दमोह प्रमुख हैं।
कटनी में पीडब्ल्यूडी द्वारा बनी कई सडक़ें लंबे समय से गंभीर गुणवत्ता विवादों में हैं। जिन सडक़ों पर लगातार शिकायतें मिलती रही हैं, उनमें पिपरौध से निवार रोड, स्लीमनाबाद से विलायतकला, पहाड़ी से देवरी हटाई होते हुए बड़वारा, बड़वारा से बसाड़ी, उमरियापान क्षेत्र की सडक़ें सहित अन्य ब्लॉक बहोरीबंद, विजयराघवगढ़, रीठी आदि की शामिल हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इन सडक़ों की गुणवत्ता इतनी खराब है कि कुछ तो निर्माण के कुछ महीनों बाद ही टूटने लगीं। इसमें प्रमुख रूम से निवार से पिपरौंध सडक़ है, जिसका बेहद घटिया तरीके से निर्माण हुआ है। इसके बावजूद विभागीय स्तर पर कार्रवाई सिर्फ खानापूर्ति बनकर रह गई है।
जिले में विभाग ने दो विशेष निरीक्षण अधिकारी नियुक्त किए हैं। दोनों अधिकारियों ने 20-21 नवंबर को डब्ल्यूएमएस पोर्टल से रैंडम चयनित कार्यों का निरीक्षण किया। मौके पर सैंपल टेस्टिंग और गुणवत्ता मानकों को परखा गया। निरीक्षण पूरा करने के बाद दोनों ने अपनी रिपोर्ट उप मुख्य अभियंता के पास जमा कर रहे हैं। विभाग ने निर्देश दिया है कि भविष्य में भी सभी निरीक्षण सूची सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही उपलब्ध कराई जाएंगी। यह आदेश उप सचिव, मप्र शासन लोक निर्माण विभाग भोपाल की स्वीकृति के बाद लागू किया गया है।
निरीक्षण के दौरान कटनी के कार्यपालन यंत्री, एसडीओ और उपयंत्री किसी भी प्रकार की जानकारी देने से कतराते रहे। सूत्रों का कहना है कि विभाग जांच को बेहद गोपनीय रख रहा है ताकि ठेकेदारों को पहले से भनक न लगे, और वास्तविक स्थिति सामने आ सके। हालांकि स्थानीय स्तर पर यह भी चर्चा है कि जांच गुपचुप तरीके से की जा रही है और वास्तविक खामियों को दबाने की कोशिश हो सकती है। कटनी में पीडब्ल्यूडी की सडक़ों की हालत को देखते हुए यह जांच उम्मीद जगाती है, लेकिन गोपनीयता, अधिकारियों की चुप्पी, और अतीत की खानापूर्ति के चलते यह सवाल उठता है कि क्या इस बार वास्तविक दोषियों पर कार्रवाई होगी या यह निरीक्षण भी सिर्फ एक औपचारिकता बनकर रह जाएगा।
Updated on:
13 Dec 2025 10:23 pm
Published on:
13 Dec 2025 08:04 pm
बड़ी खबरें
View Allकटनी
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
