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रुपनाथ धाम में सम्राट अशोक के शांति के संदेश का संरक्षण, बिलहरी के लिए प्रशासन से मदद की दरकार

जिले के एतिहासिक धरोहरों को किया जा रहा संरक्षित.

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roopnath

बहोरीबंद के समीप रुपनाथ धाम में सम्राट अशोक के शांति के संदेश को संरक्षित करने पुरातत्व विभाग के कर्मचारी.

कटनी. ईश्वी सन 232 पूर्व सम्राट अशोक द्वारा इंसानों को जीवन जीने की सीख देने के लिए लिखवाए गए कई शिलालेख में से एक कटनी जिले के बहोरीबंद के रुपनाथ धाम में स्थित है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा इस स्थान को संरक्षित करने के लिए जरुरी कार्य किया जा रहा है। बतादें कि पुरातत्व महत्व के इस स्थान की उपेक्षा को लेकर पत्रिका में प्रमुखता से खबर प्रकाशित हुई थी। खबर के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने संरक्षण की कवायद तेज की तो स्थानीय नागरिकों में भी स्थान के महत्व के लिए जागरुकता आई।

इस बीच रुपनाथ में संरक्षण की तैयारी के बीच एक बार फिर बिलहरी में धरोहरों के संरक्षण में उपेक्षा की चर्चा शुरू हो गई है। जानकारों का कहना है कि बिलहरी में पुरातत्व महत्व के कई स्थान अतिक्रमण के दायरे में है। जिला प्रशासन द्वारा इस मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की मदद नहीं कर रहा है और इस कारण संरक्षण प्रयासों में समस्या आ रही है।

रुपनाथ धाम में चल रहे काम को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के सर्वेयर अंशुल गिरी गोस्वामी ने बताया कि यहां फ्लोरिंग होना है, फिर ग्रिल लगेगी। जिससे सम्राट अशोक के कार्यकाल में लगे पत्थर को सुरक्षित किया जा सके।
इस बारे में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग जबलपुर के सुपरिटेंडेंट आर्कियोलाजिस्ट डॉ. शिवाकांत वाजपेयी बताते हैं कि रुपनाथ धाम में सम्राट अशोक द्वारा लगवाए शिलालेख को संरक्षित किया जा रहा है। जिले में स्थित दूसरे पुरातत्व महत्व के स्थानों को संरक्षित करने का काम आगे किया जाएगा।