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अनलॉक की तैयारियों के बीच चुनौती होगी संक्रमण से रेलकर्मियों की सुरक्षा

कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर मेंं अकेले कटनी परिक्षेत्र में 25 से ज्यादा रेलकर्मी गवां चुके हैं जान. - अनलॉक की तैयारियों के बीच उठी सिंगरौली और अंबिकापुर ट्रेन चलाने की मांग.

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Volunteers doing health chek of passengers in Katni main railway station.

कटनी मुख्य रेलवे स्टेशन में यात्रियों की स्वास्थ्य करते वालेंटियर।

कटनी. एक जून से अनलॉक की तैयारियों के बीच एक बार फिर से यात्री ट्रेनें चलने के साथ ही रेलकर्मियों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षा की चुनौती होगी। कोरोना के पहले लहर की तुलना में दूसरे लहर की बात की जाए तो कटनी परिक्षेत्र में बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। यहां 25 से ज्यादा रेलकर्मी कोरोना संक्रमण से अपनी जान गवां चुके हैं।

ऐसे में रेल परिचालन से जुड़े कर्मचारी भी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना कफ्र्यू के दौरान ट्रेनें चलाना इसलिए ज्यादा नुकसानदायक नहीं होता है क्योंकि तब स्टेशन में बाहर से आने वाले यात्रियों की संख्या बेहद कम होती है। अनलॉक के बाद भीड़ बढऩे पर कोरोना संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है।

कटनी मुख्य रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेनों को लेकर यात्रियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर में लागू कोरोना कफ्र्यू के दौरान 15 जोड़ी से ज्यादा ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ है। पहले 95 से ज्यादा ट्रेनें चलती थी, जो घटकर अब 80 से कम रह गई है।

कोरोना संक्रमण के नए मामलों में कमीं और अनलॉक की तैयारियों के बीच एक बार फिर से कटनी से सिंगरौली और उमरिया, अनूपपुर व शहडोल स्टेशनों को जोडऩे वाली जबलपुर-अंबिकापुर ट्रेन को चलाने की मांग तेज हो गई है। यात्रियों का कहना है कि रेलवे ने दूसरे लहर के दौरान ज्यादातर ट्रेनों को बंद नहीं किया, लेकिन जबलपुर से सिंगरौली व अंबिकापुर ट्रेन को बंद कर दिया गया। जबकि इन दोनों ही ट्रेनों को चलाना ज्यादा जरूरी है।