
nagar nigam meeting in katni
कटनी. नगर निगम में नियमों का उल्लंघन कर करोड़ों रुपए की अनुपयोगी सामग्री खरीदने का मामला सामने आया है। नगर निगम के वरिष्ठ पार्षद एवं एडवोकेट मिथलेश जैन ने इस संबंध में प्रमुख सचिव, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, स्थानीय निधि संपरीक्षा संचालक, क्षेत्रीय संचालक और नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। मिथलेश जैन ने आरोप लगाया है कि नगर निगम द्वारा मध्यप्रदेश नगर पालिका (मेयर इन कौंसिल/प्रेसीडेंट इन कौंसिल के कामकाज का संचालन एवं पदाधिकारियों की शक्तियां एवं कर्तव्य) नियम 1998 के नियम 5(3) तथा भंडार क्रय नियमों का पालन किए बिना लाखों-करोड़ों रुपए की सामग्रियां खरीदी गईं। इनमें विद्युत सामग्री, सार्वजनिक फोर-वे मूत्रालय, मोबाइल टॉयलेट, सीवर क्लीनिंग मशीन, एस गैस एनालाइजर, ब्रेथिंग अपारटस सिलेंडर, सक्शन कम जेटिंग मशीन जैसी सामग्रियां शामिल हैं, जिनका कोई अता-पता नहीं है। आरोप है कि इन सामग्रियों की खरीदी के लिए खुले बाजार से निविदा आमंत्रित नहीं की गई।
एमएसडब्ल्यू को अवैध लाभ देने का आरोप
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि एमएसडब्ल्यू को अनुबंध और बजट प्रावधान के बिना ही कचरा परिवहन वाहन उपलब्ध कराए गए। नियमों के अनुसार हर छह वर्ष में नए कचरा वाहन खरीदे जाने थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसके बजाय, नगर निगम ने अपने बजट से वाहन खरीदकर एमएसडब्ल्यू के ठेकेदार को दे दिए, जो नियमों का उल्लंघन है।
बिना स्वीकृति भुगतान, वित्तीय स्थिति गड़बड़ाई
मिथलेश जैन ने आरोप लगाया कि नगर निगम परिषद की कोई स्वीकृति लिए बिना ही ये सभी खरीदारी की गई। इसके बावजूद, वरिष्ठ संपरीक्षक, स्थानीय निधि संपरीक्षा कटनी ने इन खरीदों के भुगतान के बिलों को मंजूरी दे दी, जो नियमों के विरुद्ध है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नगर निगम की वित्तीय स्थिति पूरी तरह चरमरा गई है, क्योंकि करोड़ों रुपए की एफडीआर तोडकऱ इन अवैध खरीदों के भुगतान किए गए हैं। इसके बावजूद, महापौर और मेयर इन कौंसिल ने कोई जांच नहीं कराई और न ही कोई कार्रवाई की।
उच्च स्तरीय जांच की मांग
वरिष्ठ पार्षद मिथलेश जैन ने पत्र में मांग की है कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराए जाएने और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग रखी है। नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से की गई यह अवैध खरीदी शहर के विकास कार्यों को प्रभावित कर सकती है। नगर निगम प्रशासन की इस संदिग्ध कार्यप्रणाली को लेकर नगर के नागरिकों में भी आक्रोश बढ़ रहा है।
Published on:
22 Feb 2025 09:19 pm
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