कटनीPublished: Jun 27, 2019 11:40:08 pm
narendra shrivastava
ऐसे बनते हैं बवंडर, इमारत को भी कर देता है तबाह
Such are made tornadoes
जबलपुर। बवंडर तब बनते हैं जब अलग-अलग तापमान और आद्र्रता के दो द्रव्य निलंब होता है। जैसे-जैसे गर्म जल वाष्प में बदलता और ऊपर वातावरण में पहुंचता है, यह ठंडी हवा से मिलकर प्रतिक्रिया करता है और तूफान के रूप में सामने आता है। उच्च तापमान से ऊर्जा का स्तर बढ़ता है, जो आखिर में हवाओं की रफ्तार, बारिश और अन्य कारकों को प्रभावित करता है।
इसे इस तरह कहें तो हवा का वह तेज झोंका जो चक्कर खाता हुआ चलता है जिसमें पड़ी हुई धूल खंभे के रूप में ऊपर उठती हुई दिखाई पड़ती है। कई बार ये बवंडर खतरनाक रूप धारण कर लेते हैं।
तूफान की अपेक्षा बवंडर से कम क्षेत्र प्रभावित होता है। इसमें हवा की रफ्तार 200 किमी प्रति घंटे तक हो जाती है। इसके अंदर वायु का दबाव इतना कम होता है कि जब किसी भी इमारत के पास से गुजरता है तो वह इमारत अपने अंदर की वायु के दबाव के कारण तबाह हो जाती है।