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स्वच्छता की नब्ज टटोलने पहुंची दिल्ली की टीम, फाइव स्टार रेटिंग व ओडीएफ प्लस-प्लस के लिए जद्दोजहद

दिखावे की सफाई से सजा शहर, दिल्ली से आई टीम ने किया निरीक्षण, रैंक सुधारने नगर निगम की भागदौड़ तेज

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कटनी

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Balmeek Pandey

Apr 11, 2025

Swachchta Survey katni

Swachchta Survey katni

कटनी. स्वच्छता सर्वेक्षण-2024 के अंतर्गत दिल्ली से आई विशेष टीम ने बुधवार को कटनी शहर का निरीक्षण किया। टीम ने शहर के कई वार्डों में जाकर ओडीएफ प्लस प्लस की स्थिति, सडक़ों की सफाई, शौचालयों की व्यवस्था, रोड स्वीपिंग मशीन, मड मशीन और फॉगिंग मशीन की कार्यप्रणाली का अवलोकन किया। साथ ही नागरिकों से फीडबैक भी लिया गया। टीम द्वारा सर्वे, फीडबैक, रेंडम नंबर से भी फीडबैक लिया जा रहा है, मार्किंग की जा रही है।
नगर निगम लंबे समय से इस सर्वेक्षण की तैयारी में जुटा हुआ था। दिसंबर 2024 में स्वच्छता पोर्टल पर फाइव स्टार रेटिंग और ओडीएफ प्लस प्लस के लिए आवेदन किया गया था। दस्तावेजी जांच में नगर निगम सफल हो गया, अब ग्राउंड रियलिटी परखने टीम शहर पहुंची है। नगर निगम के आयुक्त से लेकर कर्मचारी तक पूरी ताकत झोंक रहे हैं कि शहर चकाचक दिखे।

फीडबैक में सामने आई थी मनमानी

स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए पहले नगर निगम की सहयोगी संस्था ओमसाईं विजन द्वारा फीडबैक लिया गया था, जिसमें लोगों से जबरन प्रतिक्रियाएं ली जा रही थीं। शहर की मुख्य सडक़ों पर भले ही सफाई व्यवस्था दुरुस्त हो, लेकिन कॉलोनियों और उपनगरीय इलाकों में गंदगी, जाम नालियां और गंदे प्लॉट अब भी चिंता का विषय बने हुए हैं। पडऱवारा में पड़ा 2 लाख मीट्रिक टन कचरे का पहाड़, नगर निगम के दावों की सच्चाई बयान कर रहा है।

ये लगाए गए सर्वेक्षण के लिए दस्तावेज

नगर निगम ने सर्वेक्षण के लिए कई प्रकार के दस्तावेज सरकार को भेजे हैं। प्रसाधनों और कचरा गाडिय़ों की फोटो, कचरे से खाद बनाने की प्रक्रिया, शहर में धूल कम करने के उपाय, पेवर ब्लॉक, ग्रीनबेल्ट और बंद नालों की स्थिति, नियमित सफाई के प्रमाण, स्वच्छता दूतों की तैनाती और सुरक्षा आदि के दस्तावेज भेजे गए हैं, उनके आधार पर सर्वे चल रहा है।

पिछले दो वर्षों की रैंकिंग

कटनी शहर की स्वच्छता रैंकिंग बीते वर्षों में खास प्रभावशाली नहीं रही है। 2023 में 36वां स्थान (1 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में) 2022 में 33वां स्थान (1 लाख से 10 लाख की आबादी श्रेणी में) रहा है। 2024 की रैंकिंग निरीक्षण के बाद जारी की जाएगी।

रैंक सुधारने के लिए नगर निगम के प्रयास

नगर निगम रैंक सुधारने के लिए रात्रिकालीन सफाई बढ़ा रहा है। व्यापारिक क्षेत्रों में झाड़ू लगाना, कीटनाशक दवाओं का छिडक़ाव, नालियों की सफाई, डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। प्रत्येक वार्ड में एक नोडल अधिकारी तैनात किया गया है ताकि निगरानी सख्त हो सके।

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वॉलपेंटिंग से दिखावे की तैयारी

सरकारी और निजी भवनों, पेड़ों व खंभों पर नियमों की अनदेखी करते हुए पोस्टर चिपकाना आम बात है। लेकिन अब सर्वेक्षण टीम को प्रभावित करने नगर निगम जगह-जगह वॉलपेंटिंग करवाया है। सालभर फ्लैक्स और बैनर से शहर की सुंदरता बिगाडऩे वाले अधिकारी अब सजावट में जुटे हैं।

हर माह दो करोड़ से अधिक खर्च, नतीजा कमजोर

नगर निगम हर महीने सफाई व्यवस्था पर दो करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर रहा है। इसमें 400 से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों का वेतन, सफाई सामग्री, मशीनरी की खरीद और जनजागरूकता अभियान शामिल हैं। इसके बावजूद शहर की सफाई व्यवस्था में अपेक्षित सुधार नहीं हो सका है। कटनी में स्वच्छता को लेकर नगर निगम के प्रयास सिर्फ कागजों और दिखावे तक सीमित नजर आते हैं। वास्तविकता में शहर की हालत कॉलोनियों और उपनगरीय क्षेत्रों में ज्यों की त्यों बनी हुई है। अब देखना होगा कि टीम की रिपोर्ट में कितनी सच्चाई सामने आती है और कटनी की रैंकिंग में क्या बदलाव होता है।

मुश्किल है फाइव स्टार रेटिंग

नगर निगम ने फाइव स्टार रेटिंग के लिए आवेदन किया है। टीम द्वारा एक से लेकर 7 स्टार तक रेटिंग की जा रही है। शहर में इन्फ्रास्ट्रक्चर में भारी कमी होने के कारण अच्छी रेटिंग मिलना मुश्किल है। इसके लिए बेहतर सफाई के साथ पेवर ब्लॉक, नाली के ऊपर जालियां, सभी वार्डों में एमआरएफ सेंटर होने चाहिए। लगभग्र 46 पैरामीटर मानकों पर पालन होना चाहिए। हालांकि ननि के अफसरों को फाइव स्टार रेटिंग की संभावना है।

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आडीएफ प्लस-प्लस के मानक

आडीएफ प्लस-प्लस उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल खुले में शौच से मुक्ति ही नहीं, बल्कि शौचालयों की संचालन क्षमता, स्वच्छता और मल प्रबंधन है

  • हर नागरिक को शौचालय की सुविधा उपलब्ध हो, सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालयों की नियमित सफाई और रखरखाव।
  • शौचालयों से निकला मल सुरक्षित तरीके से एकत्रित, परिवहन और उपचार किया जाए,किसी भी सार्वजनिक स्थान, नाले, सडक़ या जल स्रोत में मल नहीं गिरना चाहिए।
  • संचालित शौचालयों में साबुन, पानी, रोशनी आदि की सुविधा सुनिश्चित हो, - शहर में खुले में शौच की कोई भी घटना न हो और निगरानी टीम इसका प्रमाण दे।

फाइव स्टार गारबेज फ्री सिटी रेटिंग के मानक

  • यह रेटिंग यह दर्शाती है कि शहर में कचरे का उत्पादन, संग्रहण, प्रसंस्करण और निस्तारण कितनी अच्छी तरह से किया जा रहा है।
  • 100 प्रतिशत डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, लेकिन शहर में यह नहीं हो पा रहा है, 100 प्रतिशत कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निपटान भी नहीं हो रहा।
  • कचरा सडक़, नाली या सार्वजनिक जगहों पर न फैला हो, खुले में जलाया जाने वाला कचरा पूरी तरह बंद हो, कचरे से खाद, बायोगैस आदि बनाने की व्यवस्था हो।
  • घरेलू, वाणिज्यिक, संस्थागत स्रोतों से कचरे का स्रोत पर पृथकीकरण, कचरे के पुन: उपयोग और रिसाइक्लिंग को बढ़ावा।
  • कचरा डंपिंग ग्राउंड नहीं होना चाहिए या उसका वैज्ञानिक रीमेडिएशन होना चाहिए, नगर निगम द्वारा कचरे को कम करने के लिए जागरूकता अभियान और नवाचार।
  • सार्वजनिक स्थानों पर सफाई की गुणवत्ता हो, टॉयलेट, सडक़ें, मार्केट चकाचक हो।
  • संस्था के पास रोड स्वीपिंग मशीन, जेटिंग मशीन, सेक्शन मशीन, मड मशीन, फॉगिंग मशीन, एयर क्लीनर माशीन आदि हों।

आयुक्त ने कही यह बात

नीलेश दुबे, आयुक्त नगर निगम ने कहा कि शहर में स्वच्छता की टीम अपने मानकों पर औचक जांच कर रही है। ओडीएफ प्लस-प्लस व फाइव स्टार रेटिंग के लिए सर्वे चल रहा है। टीम सीधे रिपोर्ट दिल्ली करती है। शहर में हमेशा साथ-सुथरा रहे, यह व्यवस्था नगर निगम द्वारा सुनिश्चित की गई है।