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कटनी. उच्च शिक्षा विभाग से पैसा मिलने व टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद शासकीय तिलक कॉलेज भवन के मरम्मत का कार्य ठेकेदार ने शुरू तो करा दिया, लेकिन दो चार दिन करने के बाद बंद कर दिया। मरंमत कार्य को बंद हुए २० दिन से अधिक का समय भी बीत गया है। दूसरी तरफ निरीक्षण के लिए कॉलेज में नेक टीम भी आने वाली है। ऐसे में कॉलेज प्रबंधन उससे पहले खंडहर बने भवन की रंगाई-पुताई कराना चाहता है, ताकि ग्रेडिंग में अच्छा नंबर आ सके, लेकिन कॉलेज प्रबंधन की उम्मीदों पर पीडब्ल्यूडी विभाग व ठेकेदार ने पानी फेर दिया। बंद पड़े मरम्मत कार्य को शुरू कराने के लिए तिलक कॉलेज प्राचार्य का कहना है कि ३ बार पीडब्ल्यूडी विभाग को पत्र भेजा गया। २० से अधिक पर बार फोन किया, उसके बाद भी कार्य शुरू नहीं हो पाया। जबकि पीडब्ल्यूडी विभाग के कार्यपालन यंत्री का कहना है कि काम लेने वाले ठेकेदार को चार माह का समय देना पड़ता है। फिर भी हम एक माह तक उसका इंंतजार करेंगे। इसके बाद ही नया टेंडर बुलाया जाएगा। निर्माण कार्य शुरू कराने को लेकर ठेकेदार को नोटिस दिया गया है।
३६ साल बाद मिली है मरम्मत के लिए राशि:
शासकीय तिलक कॉलेज को बने हुए ३६ साल से अधिक का समय पूरा हो गया है। इस बीच कॉलेज की एक बार भी मरम्मत नहीं हो पाई थी। मरम्मत नहीं होने के कारण कॉलेज भवन पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो गया। छत के प्लास्टर उखड़कर विद्यार्थियों के ऊपर पड़ते है। ऐसे में विद्यार्थियों के चोटिल होने का अंदेशा बना रहता है।
कम रेट पर टेेंडर लेने की बात आ रहीं सामने:
शासकीय तिलक कॉलेज में मरम्मत कार्य शुरू करने और बंद होने के कारणों को लेकर पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने बताया कि ठेकेदार ने कम रेट पर टेंडर लिए थे। बाहर का रहने वाला है, इसलिए उतने रेट पर काम करने में अक्षम दिखाई दे रहा है।
इनका कहना है:
२० दिन से कार्य बंद पड़ा हुआ है। काम शुरू कराने को लेकर ३ बार पीडब्ल्यूडी विभाग को पत्राचार किया गया। कई बार फोन पर भी चर्चा हुई, लेकिन काम शुरू नहीं हो पाया। अधिकारियों द्वारा जानकारी दी गई कि कम रेट होने की वजह से ठेकेदार ने काम बंद कर दिया है।
डॉ. सुधीर खरे, प्राचार्य, तिलक कॉलेज।
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इनका कहना है:
शासकीय तिलक कॉलेज की चिंता मुझे भी है। बाहर का ठेकेदार है। कम रेट पर टेंडर लिया है, इसलिए शायद छोड़कर चला गया है। ४ माह तक इंतजार करना पड़ता है। एक माह का इंतजार करने के बाद ही उसका टेंडर खत्मकर। कोई कार्रवाई की जा सकेगी।
विजय कुमार खंडेलवाल, पीडब्ल्यूडी, कार्यपालन यंत्री।
Published on:
16 Jan 2018 08:02 am
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