हादसों ने ली सात की जान, शव देखकर बिलख पड़े परिजन
दो घंटे नहीं आए डॉक्टर
इस हादसे के बाद से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही का भी मामला सामने आया। परिजनों का आरोप था कि एक घंटे से अधिक समय तक कोई चिकित्सक नहीं पहुंचा। घायल काफी समय तक पड़े-पड़े तड़पते रहे। काफी देर बाद डॉ. अलका झारियां पहुंचीं तब उपचार शुरू हुआ, लेकिन तबतक काफी देर हो चुकी थी। माया व दो अन्य युवतियां बड़वारा मजदूरी करने आ रहीं थीं। क्षेत्र के लोगों का आरोप था कि बीएमओ डॉ. अनिल झामनानी भी अस्पताल में नहीं थे। यह स्थिति हमेशा की रहती है।
इनका कहना है
परिजनों का आरोप निराधार है। इसमें कुछ लोगों ने बेवजह मामले को तूल दिया है। डॉ. अलका झारिया ने मरीजों को तत्काल उपचार दिया है। उन्होंने मुझे फोन पर भी जानकारी दी थी कि मरीज की हालत गंभीर है। चोट अत्यधिक होने के कारण मौत हुई है।
डॉ. अनिल झामनानी, बीएमओ बड़वारा।