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आंगनबाड़ी भवन जर्जर, हादसे के साएं में अक्षर ज्ञान सींख रहे बच्चे

बच्चों के अच्छे विकास, पोषण और आरंभिक शिक्षा के पीछे बड़े पैमाने पर पैसे बहा रही है। इस काम के लिए कई योजनाएं भी चलाई जा रहीं है। ऐसे में बहुत सारे आंगनबाड़ी तो सुचारू रूप से संचालित होते हैं, लेकिन कई ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र भी हैं, जिनकी स्थिति देखकर प्रशासन की व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान लग जाते हैं।

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आंगनबाड़ी भवन जर्जर, हादसे के साएं में अक्षर ज्ञान सींख रहे बच्चे

आंगनबाड़ी भवन जर्जर, हादसे के साएं में अक्षर ज्ञान सींख रहे बच्चे

कवर्धा. प्रदेश सरकार छोटे-छोटे बच्चों के अच्छे विकास, पोषण और आरंभिक शिक्षा के पीछे बड़े पैमाने पर पैसे बहा रही है। इस काम के लिए कई योजनाएं भी चलाई जा रहीं है। ऐसे में बहुत सारे आंगनबाड़ी तो सुचारू रूप से संचालित होते हैं, लेकिन कई ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र भी हैं, जिनकी स्थिति देखकर प्रशासन की व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान लग जाते हैं।
विकासखंड कवर्धा के अंतर्गत ग्राम पंचायत डबराभाट के आंगनबाड़ी केंद्र 30 साल पुराना होने के कारण अत्यंत जर्जर और बदहाल हो चुके हैं। इसके बाद भी आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहा है, जिसे नौनिहाल बच्चों के लिए सिर पर खतरा मंडरा रहा है। अधिक पुराना होने के कारण भवन के दीवाल और छत क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। बरसात के दिनों में छत से पानी टपकने लगता है। वहीं देखरेख के अभाव में आंगनबाड़ी भवन का नींव कमजोर पड़ गया है। आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों की दर्ज संख्या 50 से अधिक है। नौनिहाल बच्चों के पालकों ने बच्चों की सुरक्षा का ध्यान में रखते हुए जर्जर भवन को डिसमेंटल कर नवीन आंगनबाड़ी भवन निर्माण की मांग कर रहे हैं। गांव में एक नहीं, दो आंगनबाड़ी केंद्र खोले जाने की आवश्यकता है। ताकि आंगनबाड़ी के बच्चों को राहत मिल सके। अशोक केसकर ने बताया कि रवेली मार्ग पर ग्राम पंचायत डबराभाट के अलावा सड़क के दोनों किनारे गांव बसा हुआ है। इस मार्ग पर 24 घंटे तेज रफ्तार से वाहन चलती रहती है। इस मार्ग पार आंगनबाड़ी सहायिका के साथ नौनिहाल बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचते हैं। एक तरफ सड़क पार करते हुए नौनिहाल बच्चों के लिए खतरा मंडरा रहा है, तो दूसरी तरफ आंगनबाड़ी का भवन वर्षों पुराने होने के कारण अत्यंत क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिनके कारण आंगनबाड़ी केंद्र का दीवाल कभी भी भषक सकता है। ग्राम वासियों ने मांग की है कि रवेली मार्ग पर सड़क के दोनों किनारे आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण किया जाए। ताकि नौनिहाल बच्चों को हादसे से बचाया जा सके। इस ओर जिम्मेदारों कोध्यान देना चाहिए।
आंख मूंदकर बैठा है प्रशासन
केंद्र की बदहाली को ग्राम पंचायत, जिला प्रशासन और विधायक सभी नजरअंदाज कर रहे हैं। सहायिका ने बताया कि वो कई बार पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा चुकी हैं, लेकिन अबतक किसी ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है। जर्जर आंगनबाड़ी केंद्र में हादसे का डर बना रहता है। भवन इस कदर जर्जर है, कि कभी भी कोई भी दुर्घटना हो सकती है। आंगनबाड़ी केंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। नौनिहाल जर्जर भवन में कभी भी हादसे का शिकार हो सकते हैं। आने वाले भविष्य में यदि कोई अनहोनी हो जाए, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
शिकायत के बाद भी सुधार नहीं
्रग्रामीणों ने बताया कि ग्राम डबराभाट में आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है, जिसमें ५० बच्चे प्राथमिक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। जर्जर भवन के मरम्मत व नव निर्माण को लेकर कई बार मांग व शिकायत कर चुके हैं, लेकिन जिम्मेदारों द्वारा कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। ऐसे में भवन जर्जर होने के कारण पालक किसी अनहोनी को लेकर सहमे रहते हैं। पालकों ने पूरी तरह जर्जर हो चुके आंगनबाड़ी भवन का नव निर्माण की मांग कर रहे हैं। ताकि बच्चों को राहत मिल सके।