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बोर्ड पुनर्मूल्यांकन : अब एक अंक घटने या बढऩे पर भी मान्य, प्राप्तांक सीमाओं की बाध्यता समाप्त

छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा संचालित परीक्षाओं में पुनर्मूल्यांकन प्रक्रिया में किए गए बदलाव को छात्रहित में लिया गया निर्णय है। छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ ने इस निर्णय का स्वागत किया है।

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बोर्ड पुनर्मूल्यांकन: अब एक अंक घटने या बढऩे पर भी मान्य, प्राप्तांक सीमाओं की बाध्यता समाप्त

कवर्धा@Patrika. छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा संचालित परीक्षाओं में पुनर्मूल्यांकन प्रक्रिया में किए गए बदलाव को छात्रहित में लिया गया निर्णय है। छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ ने इस निर्णय का स्वागत किया है।

अंतिम तिथि 25 मई निर्धारित

संघ के जिलाध्यक्ष रमेश कुमार चन्दवंशी ने बताया कि बोर्ड ने पुनर्मूल्यांकन के लिए निर्धारित प्राप्तांक सीमाओं की बाध्यता को समाप्त कर दिया है। अब बोर्ड द्वारा संचालित परीक्षाओं में किसी भी परीक्षार्थी को लगता है कि उसके उत्तर पुस्तिकाओं की अंकों का पुनर्मूल्यांकन ठीक से नहीं हुआ है, तो अपने उत्तरपुस्तिका का पुनर्मूल्यांकन करा सकेगा। १० वीं व १२ वीं के परीक्षार्थिओं द्वारा पुनर्गणना, पुर्नमूल्यांकन व उत्तर पुस्तिका की छायाप्रति के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 25 मई निर्धारित किया गया है।

परीक्षार्थी स्वयं आनलाइन आवेदन कर सकते हैं

इसके लिए परीक्षार्थी स्वयं या फिर अग्रेषण संस्था के माध्यम से आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। बोर्ड ने शुल्क का भी निर्धारण किया है, जिसके अनुसार प्रति विषय के हिसाब से पुनर्मूल्यांकन के लिए पांच सौ रुपये, पुनर्गणना के लिए १०० रुपए व उत्तर पुस्तिका की छायाप्रति अवलोकन के लिए ५०० रुपए निर्धारित है।

ऐसे होता है पुनर्मूल्यांकन
पुनर्मूल्यांकन प्रक्रिया के अन्तर्गत उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन दो मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा कराया जाता है और दोनों मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा दिए गए अंकों के औसत में पूर्व में प्राप्त अंकों से दस प्रतिशत या उससे अधिक की वृद्धि होने पर ही मान्य किया जाता है। पुनर्मूल्यांकन में अंकों की कमी होने पर अंक घटाये नहीं जाते हैं अर्थात पुर्व के अंक ही यथावत रहते हैं। पूनर्गणना में परीक्षार्थिओं के अंकों में कमी एवं वृद्धि दोनों ही मान्य किये जाते हैं अर्थात एक अंक की भी कमी या वृद्धि को मान्य किया जाता हैं।