
Kawardha diarrhea affected village: छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में पिछले 7 दिनों में 5 बैगा आदिवासियों की मौत के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई है। पहाड़ों में रहने वाली बैगा जनजाति के बस्तियों में डायरिया फैला हुआ है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गांव सोनवाही जाकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। बघेल ने सरकार पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं।
शनिवार की दोपहर बारिश के बीच पूर्व सीएम भूपेश बघेल ग्राम सोनवाही पहुंचे और पीड़ित मरीज व मृतकों के परिजनों से मिले। वहीं वनांचल क्षेत्र के ग्राम झलमला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर मरीजों का हालचाल जाना और डॉक्टर्स मरीजों के बारे में जानकारी ली। इसके साथ बेहतर (CG Politics) स्वास्थ्य सुविधा दिलाने की बात कही।
इस दौरान भूपेश बघेल ने राज्य सरकार व जिला प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि ग्राम सोनवाही में 5 बैगा-आदिवासियों की उल्टी-दस्त से मौत को जिला प्रशासन छुपाने की कोशिश कर रहा है। सोनवाही गांव में उल्टी-दस्त से मौत होने के बाद स्वास्थ्य कैप लगाया और करीब 100 लोगों की स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, जिसमें दो दर्जन से अधिक ग्रामीणों को मलेरिया पॉजिटिव (CG Politics) पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग मरीजों के घर में ही आज मच्छरदानी वितरण किए, जबकि सोनवाही गांव के सभी घरों में मच्छरदानी वितरण करना चाहिए।
भूपेश बघेल ने X पर लिखा कि शासन और प्रशासन की लापरवाही ने उल्टी-दस्त से 5 बैगा आदिवासियों की जान ले ली, पूर्व में भी ऐसी घटनाओं के बाद भी सरकार सोती रही है। सरकार जल्द से जल्द बैगा बाहुल्य क्षेत्र में सभी परिवारों का स्वास्थ्य परीक्षण करे, पानी का सैंपल जांच करवाए। इसके साथ ही जिम्मेदार (CG Politics) अफसरों पर कार्रवाई सुनिश्चित करे।
बघेल ने ग्रामीणों से मुलाकात का वीडियो शेयर करते लिखा कि सोनवाही के ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें मच्छरदानी नहीं मिली, उल्टी-दस्त से जब तक मृत्यु नहीं हो गई तब तक स्वास्थ्य अमला सोता रहा। कितना दुःखद है कि जिन बैगा आदिवासियों को राष्ट्रपति का (Chhattisgarh Congress) दत्तक पुत्र कहा जाता है, केंद्र से लेकर राज्य सरकार इनके लिए विशेष योजनाएं बनाता है, वे बैगा आदिवासी एक आदिवासी मुख्यमंत्री के शासन में उपेक्षित हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि प्रदेश सरकार की पहली प्राथमिकता जिले के बैगा बाहुल्य क्षेत्र में स्वास्थ्य परीक्षण होना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग, पीएचई को पानी का सेंपल लेकर जांच किया जाना चाहिए, लेकिन राज्य सरकार की बड़ी लापरवाही के चलते ग्राम सोनवाही में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों की मौत हो रही है। इस प्रकार की घटना कबीरधाम के सभी ब्लॉक में घटित हो चुकी है उसके बाद भी शासन-प्रशासन (Chhattisgarh Congress) हाथ में हाथ रखकर बैठी है। ये बड़ी दुख की बात है। पूर्व सीएम के साथ सुशील आनंद, धनंजय ठाकुर, जिलाध्यक्ष होरीराम साहू, नीलकंठ चंद्रवंशी, ममता चंद्राकर, लालबहादुर चंद्रवंशी, सीमा अगम, वर्षा ठाकुर, गोपाल चंद्रवंशी, वाल्मिकी वर्मा उपस्थित रहे।
Kawardha diarrhea Update News: स्वास्थ्य विभाग हर साल ढिंढोरा पिटते हैं कि वह संवेदनशील, अतिसंवेदनशील गांवों में मच्छरदानी वितरण करते हैं। वहीं मलेरिया के प्रकरण ही नहीं आते। जबकि हकीयत है कि (CG Politics) गांवों में मच्छरदानी का वितरण ही नहीं किया जाता। ग्राम सोनवाही में जांच दौरान 25 लोग मलेरिया पॉजिटिव पाए गए।
इधर डायरिया से आदिवासियों की मौत के मामले में कांग्रेस ने जांच समिति का गठन किया है। पीससी चीफ दीपक बैज ने इसमें डोंगरगांव के विधायक दलेश्वर साहू को इस 7 सदस्यीय जांच समिति का संयोजक बनाया है। यह कमेटी इलाके का दौरा करने के बाद जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
बीमार पड़ रहे आदिवािसयों से मिलने प्रदेश के डिप्टी CM गृहमंत्री विजय शर्मा भी सोनवाही गांव गए थे। उन्होंने अफसरों से कहा- बैगा बाहुल्य गांवों में डायरिया, मलेरिया और मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार करें। उन्होंने वनांचल क्षेत्र चिल्फी, झलमला और तरेगांव जंगल (CG Politics) के शासकीय अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन डीएमएफ से शीघ्र क्रय करने के निर्देश दिए।
Updated on:
14 Jul 2024 12:32 pm
Published on:
14 Jul 2024 12:21 pm
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