छत्तीसगढ़ का कवर्धा जिला जैव विविधता, नैसर्गिक, शोधपरक स्थल और रहस्यों का खजाना है। यहां बहुत सी प्राचीन गुफाएं हैं जिसकी शोध करने शोधकर्ता गुफा पहुंचे। जहां उन्होंने दो गुफाओं का मुआयना किया और जानकारी एकत्रित किए।
इस दौरान रायपुर के गुफा शोधकर्ता और उनकी टीम को स्कूल के दो बच्चों ने गुफा तक का रास्ता दिखाया। टीम गुफा देखने व उन पर शोध करने पंडरिया से 8 किमी दूर मैकल पर्वत श्रेणी के भंवरटोंक पहुंची। जमीन से 350 फीट की ऊंचाई पर स्थित यहां दो गुफा है। पहला गुफा 30 फीट नीचे उतरने के बाद अंदर 150 फीट लंबी डोलोमाइट पत्थर से निर्मित स्टेलेक्टाइट का सुंदर नमूना है।
दूसरा गुफा और ज्यादा खूबसूरत है। यह 200 फीट लंबी है। ये दोनों प्राचीनकाल की गुफाएं हैं। टीम द्वारा गुफाओं पर पूरा रिसर्ज किया गया। पत्थरों के नमूने लिए गए। विडियोग्राफी, फोटोग्राफी, वातावरण को मापा गया सहित शोध संबंधित पूरे कार्य किए गए। वहीं कीट शोधकर्ता ने वहां से आवाज करने वाले झींगूर पकड़े और अपने साथ ले गई। प्रयोगशाला में झींगूर पर रिसर्ज करेंगे।
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