
इसरो में सीनियर वैज्ञानिक हैं छत्तीसगढ़ के अनिल, चंद्रयान-2 में रहा इनका महत्वपूर्ण योगदान
कवर्धा. देश के सबसे बड़े मिशन चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) के लिए सोमवार को GSLV मार्क-3M1 लांच हुआ। सफल प्रक्षेपण के लिए देशभर में खुशी दिखाई दी। इसमें कबीर धाम से एक कड़ी भी जुड़ती है कि इसमें यहां के युवा ने भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
जी हां, इसरों के सीनियर वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत अनिल जयसवाल कबीरधाम जिले के ग्राम मड़मड़ा के रहने वाले हैं। अनिल मैकेनिकल विभाग (Indian Space Research Organization) के लिक्विड पैट्रोलियम LPSC में कार्यरत हैं जहां से रॉकेट को उर्जा प्रदान किया जाता है। चंद्रयान-2 में अनिल की छोटी, लेकिन महत्वपूर्ण भूमिका रही। रॉकेट को अंतरिक्ष तक कितना उर्जा लगेगा, कितनी खपत होगी जैसे कार्य में अनिल का भी सहयोग रहा। चचेरे भाई चंद्रशेखर जयसवाल ने चर्चा में अनिल के बारे में जानकारी दी। हालांकि उन्होने यह भी कहा कि उनके वैज्ञानिक भाई ने उनकी जानकारी देने से मना किया है, इसलिए कई महत्वपूर्ण व निजी बातों की चर्चा नहीं की गई।
आज अनिल जूनियर से सीनियर वैज्ञानिक बन चुके हैं। रोजाना सुबह 7 बजे से शाम तक कार्यकाल में ही रहते हैं। पत्नी और एक बच्चे के साथ केरल में ही रहते हैं। शेखर जयसवाल ने बताया कि अनिल साल में एक बार ही घर आते हैं वह भी सिर्फ दो दिन के लिए। बिना किसी सरकारी खर्च के रायपुर से ऑटो और बस से कवर्धा पहुंचते हैं।
वैज्ञानिक अनिल जयसवाल की प्रारंभिक पढ़ाई जिले के बोड़ला ब्लॉक के ग्राम अमेरा के प्रारंभिक स्कूल में हुई। पूर्व माध्यमिक के लिए ग्राम सिंघारी गए और हाईस्कूल की पढ़ाई कवर्धा में रहकर सरस्वती शिशु मंदिर से की। इसके बाद बिलासपुर चले गए बी.टेक करने के बाद दिल्ली के पीडीआईएल कंपनी में जॉब लगी। वहां से एम.टेक करने लगे, इस दौरान वर्ष 2003 में इसरो में इनकी नौकरी लग गई। ISRO द्वारा ही अनिल को मुंबई से M.Tec कराया गया।
Chandrayaan 2 की खबर यहां बस एक क्लिक में
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Published on:
24 Jul 2019 09:22 am
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