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जिला सहकारी बैंक की तीन नवीन शाखा खोलने की अनुमति, किसानों को राहत

जिला सहकारी बैंक की पिपरिया शाखा में गांव की संख्या अधिक होने के कारण एक अन्य शाखा खोले जाने की मांग काफी समय से की जा रही थी। ग्राम रबेली में नए शाखा खोलने की प्रक्रिया चल रहा था, लेकिन अनुमोदन के बाद भी लेट लतीफी होती रही। आखिरकार रबेली में नवीन शाखा खोलने की अनुमति मिल गई है। नवीन शाखा प्रारंभ होते ही भीड़ से निजात मिलेगा।

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जिला सहकारी बैंक की तीन नवीन शाखा खोलने की अनुमति, किसानों को राहत

जिला सहकारी बैंक की तीन नवीन शाखा खोलने की अनुमति, किसानों को राहत

कवर्धा. जिला सहकारी बैंक की पिपरिया शाखा के १०५ गांव के किसानों को जल्द ही भीड़ व अव्यवस्था से निजात मिल जाएगा। क्योंकि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. राजनांदगांव द्वारा कबीरधाम जिला में एक नहीं, तीन नवीन शाखा खोलने की अनुमति प्रदान कर दी है। ग्राम रबेली, रेंगाखार व तरेगांव जंगल में नवीन शाखा खोले जाएंगे। इससे किसानों को राहत जरुर मिलेगा।
जिला सहकारी बैंक की पिपरिया शाखा में गांव की संख्या अधिक होने के कारण एक अन्य शाखा खोले जाने की मांग काफी समय से की जा रही थी। ग्राम रबेली में नए शाखा खोलने की प्रक्रिया चल रहा था, लेकिन अनुमोदन के बाद भी लेट लतीफी होती रही। आखिरकार रबेली में नवीन शाखा खोलने की अनुमति मिल गई है। नवीन शाखा प्रारंभ होते ही भीड़ से निजात मिलेगा। साथ ही सोसायटी अंतर्गत आने वाले किसानों को राहत भी मिलेगा। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक अटल नगर नवा रायपुर का पत्र अनुसार राज्य स्तरीय कार्यदल की बैठक ११ जनवरी २०२२ को आयोजित हुआ, जिसमें लिए गए निर्णय अनुसार जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित राजनांदगांव के कार्यक्षेत्र अंतर्गत कबीरधाम में तीन नवीन शाखा खोलने की अनुमति नियम शर्तो के अधीन दी गई है। समस्त शाखाएं प्रारंभ से सीबीएस कोर बैंकिंग अंतर्गत प्रारंभ किया जाएगा। इसके लिए कम्प्यूटर, सॉफ्टवेयर व कनेक्टिविटी की व्यवस्था बैंक द्वारा की किया जाएगा। नवीन शाखा का संचालन वर्तमान स्टॉफ से ही करना होगा। यह अनुमति जारी होने के दिनांक से एक वर्ष तक प्रभावशील होगी। भारतीय रिजर्व बैंक और नाबार्ड के उक्त संबंधी दिशा निर्देशों का पालन करना आवश्यक है। पूंज जोखिम आस्ति अनुपात (सीआरएआर) भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नियत मापदण्डों अनुसार होना चाहिए। सकल अनर्जन भातीय रिजर्व बैंक द्वारा समय-समय पर नियत मापदण्ड से अधिक नहीं होना चाहिए। इसके अलावा नगदी निधि आरक्षण अनुपात व सांविधिक तरलता अनुपात बनाए रखने में चूक न हो। इसका ध्यान रखा जाएगा।
तीन काऊंटर खोल भुगतान करे
भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधिमंडल द्वारा पिपरिया बैंक मैनेजर से मुलाकात कर किसानों के विभिन्न समस्या के समाधान की मांग रखा। किसान को 10.45 बजे में भुगतान हर हल मे होनी चाहिए। तीन काउंटर में नियमित भुगतान होनी चाहिए। साथ ही सभी किसानों के लिए एटीएम की व्यवस्था कराए। ताकि किसान जब चाहे, तब अपना राशि निकाल सके। भुगतान के लिए क्षेत्र के किसान बैंक के सामने 4० से ४2 डीग्री तापमान में कतार खड़े रहते हैं। किसानों के लिए बैठने की व्यवस्था नहीं है। मैनेजर साहब ने आश्वासन दिया है कि आज से नियमित 3 काउंटर में भुगतान किया जाएगा। साथ ही बढ़ते तापमान को देखते हुए 10.45 को भुगतान किया जाएगा। सभी किसानों के लिए एटीएम कार्ड की व्यवस्था नहीं है। जैसे ही कार्ड की पर्याप्त व्यवस्था हो जाएगा, वैसे ही सभी किसानों को एटीएम कार्ड भी दिया जाएगा। इस अवसर पर भारतीय किसान के जिलाध्यक्ष डोमन चन्द्रवंशी, संघ चालक दानेश्वर परिहार, कवर्धा ब्लॉक अध्यक्ष सोनी वर्मा, कमलेश चन्द्रवंशी, सुनील जायसवाल सहित अन्य उपस्थित रहे।
६ सोसायटी के १०५ गांव शामिल
जिला सहकारी बैंक पिपरिया काफी चर्चित नाम है। चर्चाएं उपभोक्ताओं को मिलने वाले सुविधाओं के लिए नहीं, बल्कि यहां व्याप्त अव्यवस्था को लेकर यह नाम उपभोक्ताओं के जेहन में हमेशा रहता है। वैसे तो जिला सहकारी बैंक की पिपरिया शाखा में ६ सोसायटी के १०५ गांव शामिल है। ऐसे में जब अगल-अगल योजना के तहत किसानों के खाते में राशि पहुंचती है, तो किसान राशि लेने के लिए बैंक पहुंचने लगते हैं। बैंक के सामने इतनी भीड़ एकत्रित होते हैं कि धक्कामुक्की की नौबत आ जाती है, लेकिन अब नवीन शाखा खुलने से क्षेत्र के किसानों को बड़ी राहत मिलेगा।
अलग-अलग दिन निर्धारित
किसानों के संख्या को देखते हुए भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अलग-अलग सोसायटी के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित किया गया। छह सोसायटी के लिए अलग-अलग छह दिन निर्धारित है। इसके बाद भी काफी भीड़ एकत्रित हो जाते हैं। जिला सहकारी बैंक पिपरिया के सामने किसानों की इतनी भीड़ एकत्रित हो जाते हैं कि बैंक के कर्मचारियों को भी भीड़ को नियंत्रित करने में पसीने छूट जाता है।
सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं
१०५ गांव के किसानों का लेनदेन संभालने वाले पिपरिया शाखा में सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। बैंक पहुंचने वाले किसानों के लिए यहां बैठने तक की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में बैंक के बाहर उपभोक्ताओं को खड़ा होना पड़ता है। बैंक के सामने छोटा सा टीन शेड तो लगाए गए हैं, लेकिन किसानों के संख्या अधिक होने के कारण उपभोक्ता छांव के तलाश में इधर उधर भटकते फिरते हैं।