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लोक सेवा केंद्र में दस्तावेज बनवाने भटक रहे लोग, अब तक सात हजार आवेदन पेंडिंग

प्रशासन द्वारा लोक सेवा केंद्र तो खोल दिया है, लेकिन इसका लाभ लोगों को पूर्ण रूप से नहीं मिल पा रहा है। लोगों को भटकना पड़ रहा है

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लोक सेवा केंद्र में दस्तावेज बनवाने भटक रहे लोग, अब तक सात हजार आवेदन पेंडिंग

कवर्धा . छत्तीसगढ़ कवर्धा जिले में प्रशासन द्वारा लोक सेवा केंद्र तो खोल दिया है, लेकिन इसका लाभ लोगों को पूर्ण रूप से नहीं मिल पा रहा है। लोगों को भटकना पड़ रहा है।

सरकारी कामकाज से जुड़ी जानकारी और सुविधाएं लोगों को तय समय में मिले, इसलिए लोग सेवा गारंटी अधिनियम लागू की गई है। इसके तहत कबीरधाम जिले में 5 लोक सेवा केंद्र खोले गए हैं। इन केंद्रों की गारंटी ऐसी है कि यहां 7 हजार से अधिकारी आवेदन पेंडिंग है। 582 अर्जियां ऐसी है, जो 30 दिन की समयावधि खत्म होने के बावजूद निराकृत नहीं हो पाई है। इसके कारण लोगों को भटकना पड़ रहा है। लोक सेवा केंद्र से काम नहीं होने के कारण लोगों को च्वाईस सेंटरों तक की दौड़ लगानी पड़ रही है, जहां पर पहले से ही लंबी कतार बनी होती है।

कबीरधाम के अपर कलक्टर, पीएस ध्रुव ने बताया लोक सेवा केंद्रों में समय पर दस्तावेज बनाने के नियम है, लेकिन कुछ कारणों से कभी कभी देर हो जाती है। लेकिन काम पर यदि कोई लापरवाही बरत रहे हैं तो उन पर कार्रवाई किया जाएगा।

आवेदनों के निराकरण के मामले में कबीरधाम जिला राज्य में 11वें नंबर पर है। निराकरण में लेटलतीफी पर जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों पर 100 रुपए रोज के हिसाब से जुर्माना तय है। इसके लिए आवेदक को एसडीएम और कलक्टर के पास अपील कर सकते हैं। लेकिन लोगों को जानकारी नहीं होने के कारण वे कार्रवाई कराने ध्यान नहीं देते हैं, जबकि लोक सेवा केंद्र के सामने ये भी जानकारी लिखा होना चाहिए।

आवेदनों के निराकरण के मामले में जनपद पंचायत बोड़ला सबसे सुस्त है। आंकड़ें देखें, तो अब तक यहां लोगों से 1267 अर्जियां मिली है, जिनमें से 333 यानी एक चौथाई पेंडिंग हैं। 267 आवेदन ऐसे हैं, जो समय सीमा बीतने के बाद भी निराकृत नहीं हो पाए हैं। वहीं नगर पालिका कवर्धा में भी 181 आवेदन पेंडिंग हैं, लेकिन प्रतिदिन ये आकड़े कम ज्यादा होते रहते हैं।

अधिकारियों के सुस्त रवैए से आम लोगों को परेशानी से जूझना पड़ रहा है। समय में काम पूरा नहीं होने पर 100 से एक हजार रुपए तक जुर्माना का प्रावधान भी है, लेकिन अब तक किसी भी अधिकारी व कर्मचारी पर कार्रवाई नहीं हुई। क्योंकि वे इससे बचने का तरीका निकाल चुके हैं। लेटलतीफी पर दस्तावेजों में कमी होना बताकर आवेदने लौटा दी जाती है। केंद्रों में अब तक 3,45०८० अर्जियां मिल चुकी है। इनमें 32,093 वापस और 3750 अर्जियां निरस्त की जा चुकी है।