
Blue Whale Game of Dangerous Last Task
खंडवा. मध्यप्रदेश के इंदौर में ब्लू व्हेल गेम में फंसकर मौत को गले लगाने वाले बच्चे का मामला सामने आने के बाद सरकार भी अलर्ट है। क्योंकि एंड्राइड फोन 20 फीसदी बच्चों की पहुंच में है। ऑनलाइन गेम पर रोक लगाने और काउंसिलिंग किए जाने को लेकर शिक्षा विभाग भी हाईअलर्ट है।
माध्यमिक शिक्षा मंडल ने पत्र जारी कर स्कूलों में बच्चों की काउंसिलिंग किए जाने के निर्देश दिए हैं। ताकि विद्यार्थियों की पहुंच से ये गेम दूर रहे। भोपाल शिक्षा अधिकारी ने स्कूलों में पत्र भेजकर इसे लागू करने के तत्काल निर्देश दिए हैं। इसके बाद खंडवा शिक्षा विभाग भी जल्द ही एेसे आदेश शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र की स्कूलों में जारी करने वाला है।
क्यों दिए स्कूलों में आदेश...
प्रदेश सरकार का मामना है कि बच्चों के हाथों में एंड्राइड मोबाइल आने से और गेम की डिमांड बढऩे से वे दो से तीन घंटे मोबाइल पर बिताते हैं। जिसके कारण उनको सर्तक व समझाइश देना बेहद जरुरी है। इसी को लेकर स्कूलों में काउंसिलिंग के आदेश दिए हैं।
ये मामले सामने आ चुकें हैं
दुनियाभर में सुसाइड गेम के तौर पर चर्चित ब्लू व्हेल के जाल में फंसकर मुंबई में एक बच्चे ने हाल ही में आत्महत्या की थी। उसके बाद अब इंदौर और महाराष्ट्र के सोलापुर में भी बच्चों के इस जाल में फंसने के मामले सामने आए हैं। हालांकि दोनों ही बच्चे समय रहते बचा लिए गए।
150 सुसाइड के मामले
गौरतलब है कि हाल में मुम्बई में 14 साल के एक लडक़े ने ऑनलाइन गेम ब्लू वेल की लास्ट स्टेप को पूरा करने के लिए सुसाइड कर लिया था। इस गेम की वजह से अब तक दुनियाभर में 150 सुसाइड के मामले सामने आ चुके हैं।
महाराष्ट्र से प्रदेश में एंट्री...
अपराध में अब बच्चों का भी प्रतिशत लगातार बढ़ते जा रहा है। क्योंकि हर प्रकार के अपराध में वे शामिल है। जैसे हत्या, बलात्कार, चोरी, लूट, चेन स्नेचिंग आदि में। कानून के अनुसार सोलह वर्ष की आयु तक के बच्चे यदि आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हैं तो उन्हें बाल अपराधी कहते हैं। सृत्रों के मुताबिक ज्यादातर बच्चे फिल्मों को देखकर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। वे फिल्म के किसी हीरो से खुद की तुलना करते हुए ऐसे दलदल में धंस जाते हैं जहां से लौटना मुश्किल होता है।
Published on:
12 Aug 2017 01:50 pm
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