
crops submerged in dam
खंडवा. भाम मध्यम सिंचाई परियोजना छह साल से निर्माणाधीन है। किसानों के बगैर सूचना दिए डैम में पानी भर दिया गया। इससे राजगढ़ बांध एरिया के कई खेतों में फसलें डूब गई हैं। इस कारण खेत में मक्का, सोयाबीन और कपास की फसलें खराब होने लगी हैं। पंधाना ब्लाक क्षेत्र में स्थित राजगढ़ बांध के सीमावर्ती एरिया में व ग्राम सरमेश्वर है।
प्रभावित एरिया में फसलें डूब गई
बांध के पूर्वी छोर में डूब प्रभावित एरिया में फसलें डूब गई हैं। किसानों ने जल संसाधन विभाग समेत वन मंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित आवेदन देकर सर्वे कराकर मुआवजा की मांग की है। प्रभावित किसान मौजीलाल, शंकर भाव, जिराटी आदि कई किसानों ने मुआवजे की मांग उठाई है। किसानों के अनुसार भाम परियोजना के डूब क्षेत्र में सैकड़ों किसान प्रभावित है।
कैनाल निर्माणाधीन
भाम मध्यम सिंचाई परियोजना 301 करोड़ रुपए से ज्यादा लागत की निर्माणाधीन हैं। वर्ष 2017 में टेंडर प्रक्रिया के बाद निर्माण शुरू हुआ है। अधिकारियों का दावा है कि डैम का निर्माण पूरा होने के बाद कैनाल का कार्य प्रगति पर है। बांध का एरिया का काम पूरा हो गया है। कैनाल का निर्माण भी जल्द पूरा हो जाएगा।
किसान बोले
राजगढ़ बांध के डूब क्षेत्र में दो एकड़ से अधिक एरिया में सोयाबीन, मक्का और धान की खेती की है। फसल अच्छी है। बांध में पानी भरने से फसलों में पानी भर गया है। गेट नहीं खोले जाने से फसल बर्बाद हो गई।
लदकी बाई शंकर, प्रभावित किसान, वनग्राम सरमेश्वर
बांध में पानी भरने से पहले सूचना नहीं दी गई। बांध के भीतर पूर्वी छोर पर डूब क्षेत्र में फसल डूब गई। इससे कपास और मक्का की फसल खराब हो रही है। फसल का सर्वे कराकर मुआवजा दिलाया जाए।
चंपालाल रामकिशन, प्रभावित किसान, वन ग्राम सरमेश्वर,
वन ग्राम सरमेश्वर में पट्टे की भूमि पर कुछ किसानों की फसल बोई गई है। पानी फसल के नीचे है।
मेघा चौरे, कार्य पालन यंत्री, जल संसाधन विभाग
600 हेक्टेयर किसानों की भूमि
भाम परियोजना पंधाना व खालवा ब्लाक की सीमावर्ती क्षेत्र में निर्माणाधीन है। इस योजना के लिए करीब 600 हेक्टेयर किसानों की भूमि अधिग्रहीत की गई है। इसके अलावा फॉरेस्ट की 148 हेक्टेयर और राजस्व ग्राम एरिया में करीब पचास हेक्टेयर शासकीय भूमि अधिग्रहीत की गई है।
Published on:
24 Sept 2022 11:32 am
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