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दिपावली बाजार : 100 साल से खनक रहा घंटाघर चौक का बर्तन बाजार, अंग्रेजों के जमाने से चमक अब भी बरकरार

घंटाघर चौक पर बर्तन बाजार अंग्रेजों के जमाने चमक रहा है। दिवाली त्योहार पर बाजार की रौनक बढ़ी है। इस बाजार की खनक 100 साल से बरकरार है। कारोबारियों को 70-80 लाख रुपए के कारोबार की उम्मीद है। तांबा, पीतल और स्टील में नई वैरायटी के बर्तन बाजार में आए हैं।

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खंडवा

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Rajesh Patel

Oct 14, 2025

Diwali Bazaar

दिवाली पर्व पर बर्तनों की खरीदारी करतीं महिलाएं

दिवाली के पूर्व त्योहार पर चार दिन होगा मुख्य कारोबार, इस पर दीप पर्व पर 70-80 लाख के व्यवसाय की उम्मीद है, बर्तन इंदौर के साथ यूपी के मुरादाबाद से थोक में आ रहा है। बर्तन दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ जमा हा रही है।

दिवाली पर 70-80 लाख रुपए के कारोबार की उम्मीद

घंटाघर चौक पर बर्तन बाजार अंग्रेजों के जमाने चमक रहा है। दिवाली त्योहार पर बाजार की रौनक बढ़ी है। इस बाजार की खनक 100 साल से बरकरार है। कारोबारियों को 70-80 लाख रुपए के कारोबार की उम्मीद है। तांबा, पीतल और स्टील में नई वैरायटी के बर्तन बाजार में आए हैं। घड़ा, गिलास, कढ़ाई के साथ बोतल की डिजाइन बेहतर आई है। तांबा के लोटा की भी डिमांड बढ़ी है।

एल्यूमीनियम की जगह स्टील के बर्तनों की खरीदी

एल्यूमीनियम की जगह स्टील के बर्तनों ने लिया है। स्टील के बर्तन टिकाऊ होते हैं। व्यापारियों को लाखों के कारोबार की उम्मीद है। हर रोज ग्राहकी बढ़ रही है। सोमवार की शाम बर्तन दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ रही। फैंसी बर्तनों की भी डिमांड अधिक है। कुछ ग्राहक स्टील के बर्तन अपने सुविधा अनुसार तैयार करा रहे हैं। अच्छी ग्राहकी से कारोबारियों के साथ दुकानों में लगे कारीगरों की भी बांछें खिली उठ हैं।


व्यापारी बोले- पीतल का घड़ा और थाली की ज्यादा खरीदी

राजेश वर्मा, बर्तन कारोबारी-बर्तन कारोबारी-बर्तन बाजार दो पीढ़ी पुराना है। पीतल, तांबा के नए-नए बर्तन आने लगे हैं। स्टील की अधिक खरीदारी हो रही है। पहले पीतल का घड़ा, थाली की अधिक खरीदारी होती थी।

राजकुमार वर्मा, बर्तन कारोबारी, एल्यूमीनियम के बर्तन की जगह स्टील ने ले लिया है। ग्राहकों को स्टील की कढ़ाई अधिक पसंद आ रही है। पहले एल्यूमीनियम की अधिक बिक्री होती थी।

विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं कई कारोबारी

शहर में हमारे घंटाघर में घरेलू उपयोग की वस्तुओं से लेकर हर जरूरत की सामग्री उपलब्ध है। घंटाघर पर किनारा कारोबारी करते हैं कि यहां 100 पुरानी दुकानें आज भी पारंपरिक कारोबार कर रही हैं। कई कारोबारी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। ग्राहकों भी कम नहीं हुई है। घंटाघर चौक बाजार में किराना से लेकर घरेलू उपयोग की सभी तरह की सामग्री उपलब्ध है। फुटपाथ से लेकर दुकानों तक हर समय ग्राहकी रहती है। त्योहार के समय बाजार गुलजार रहते हैं। कारोबारी करते हैं कि जिलेभर में हर साल दस करोड़ से अधिक का कारोबार होता है।

वर्मा परिवार ने आजादी के पूर्व शुरू किया था बर्तन कारोबार

घंटाघर चौक के सामने बर्तन बाजार की शुरुआत वर्मा परिवार आजादी के पूर्व शुरू किया था। तीन पीढ़ी पहले मिश्रीलाल, गणपतिलाल, बट्टू लाल वर्मा ने बर्तन का कारोबार कच्चे मकान में शुरू किया था। वर्तमान समय में सबसे बुजुर्ग करीब 80 साल के चंदू कसेरा बर्तन की दुकान चल रही है। कसेरा बताते हैं कि हमारे पूर्वजों की दुकान से अंग्रेजों ने भी बर्तन की खरीदारी की है। राजेश वर्मा कहते हैं कि उनके पूर्वजों ने यहां बर्तन की दुकान शुरू किया था।

आमीर सेठी, बर्तन कारोबारी : हमारा बाजार 100 साल पुराना है। हर बर्तन को लेकर अलग-अलग वैरायटी के बर्तनों की डिमांड रहती है। स्टील के कूकर, कढ़ाई समेत अन्य बर्तनों की डिमांड बढ़ी है।

देवी-देवताओं की मूर्तियों का बाजार

बर्तन बाजार में पूजा अर्चना से संबंधित बर्तन और देवी-देताओं की मूर्तियों का कारोबार भी वर्मा परिवार ने शुरू किया था। बर्तन दुकान पर लक्ष्मी, गणेश, शंकर जी, पार्वती आदि देवी देवताओं की मूर्तियों के साथ ही अन्य पूजन संबंधित बर्तनों की खरीदारी हो रही है।

मुरादाबाद, इंदौर के बर्तनों की गूंज

खंडवा में यूपी के मुरादाबाद के बर्तनों की गूंज है। कारोबारी छोटे-छोटे बर्तन जरूरत के हिसाब से इंदौर से लाते हैं। थोक कारोबारी मुरादाबाद बर्तन फैक्ट्री से सीधे बर्तन ला रहे हैं।

घरेलू बर्तनों की भी खरीदारी

त्योहार के समय पूजन से जुडे़ बर्तनों के साथ ही घरेलू उपयोग वाले बर्तनों की खरीदारी हो रही है। कूकर, नान स्टिक के तवा, कढ़ाई।