
khandwa Dfo corruption opened lodged then the FIR MLA
खंडवा. विधायक-भाजपा के आमने-सामने होने के बाद राजनैतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है। मामला भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमारसिंह चौहान के क्षेत्र का होने के कारण तूल पकड़ते जा रहा है। क्योंकि ये पहला मौका नहीं है जब सत्ता में काबिज भाजपा के नेता को किसी अफसर ने चमकाया हो। इससे पहले भी विधायक योगिता बोरकर को प्रशानिक कार्यवाही में दखल पर अफसरों ने खदेड़ा था। फिलहाल विधायक देवेंद्र वर्मा ने पूरे मामले की शिकायत हाईकमान से करने की बात कही है।
विधायक ने कहा पौधारोपण में हुआ भ्रष्टाचार
इस विवाद को देखते हुए विधायक ने तत्काल एक प्रेस वार्ता अपने घर पर बुलाई। इसमें उन्होंने जूतों से मारने की बात को अस्वीकार करते हुए कहा कि मनरेगा के तहत पैसों का हेरफेर किया गया है। इसलिए इस तरह की बात डीएफओ को बुरी लग रही है। इसके बाद उन्होंने जांच कराने और एफआईआर करने की भी बात कही। हालांकि वे बीजेपी कार्यालय गए जहां से महापौर, जिलाध्यक्ष सहित सभी से चर्चा की। बाद में कार्यालय के बाहर आकर भारत माता की जय के नारे लगाए। दोपहर दो बजे से लेकर शाम के छह बजे तक इस तरह की गतिविधि पूरे शहर में चर्चा का विषय बनी रही।
पौधों के अभी भी आठ लाख रुपए हैं बकाया...
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने नमामि देवी नर्मदे यात्रा के दौरान पूरे प्रदेश में छह करोड़ पौधे लगवाए। इसमें खंडवा जिले में भी ३६ लाख पौधे लगाए गए। इनमें से नागचून क्षेत्र के सवा दो हेक्टेयर जमीन पर ३.५ लाख पौधे लगाए गए हैं। इसमें भी तीन लाख सागौन के पौधे तो रूट सूट विधि से लगाए गए हैं। जबकि ५० हजार पौधे मनरेगा के तहत लगाए गए। इसमें हर तरह के पौधे शामिल हैं। इन पौधों को लगाने के बाद अभी भी करीब आठ लाख रुपए की मजदूरी और सामान का भुगतान करना बाकी है। जबकि पौधे लगाने वाले जमीन का क्षेत्रफल इतना अधिक है कि उसकी सुरक्षा करनेे के लिए लाखों रुपए की तार फेंस्ंिाग और कम से कम १० आदमी सुरक्षा में लगाए जाएंगे, तब पूरी सुरक्षा हो सकती है।
ये था पूरा मामला
बैठक में विधायक देवेन्द्र वर्मा ने कहा कि जितने पौधे लगे हैं उन पौधों की सुरक्षा व्यवस्था करवाओ। इस पर डीएफओ एसके सिंह ने कहा अभी पुराना भुगतान ही नहीं हुआ है। डीएफओ की आेर से दिए जा रहे जवाब से विधायक नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि 'तुम्हें जूते मारने चाहिएÓ। जब डीएफओ ने विरोध किया तो विधायक ने अभद्र शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा कि आगे बोलोगे तो छोडूंगा नहीं। यह कहते हुए वह बैठक से बाहर चले गए। इसके बाद अधिकारी विरोध करते हुए बैठक छोड़कर चले गए। (जैसा कि प्रत्यक्षदर्शी ने बताया)
Published on:
28 Sept 2017 10:25 am
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