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अब सोलर हब होगा सिंगरौली, देश के लिए बनेगा रोल मॉडल

यहां स्थित कंपनियां अब सोलर पावर प्लांट की दिशा में बढ़ा रही हैं कदम

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Solar Energy In chhindwara

खंडवा (सिंगरौली)। ऊर्जाधानी सिंगरौली अब प्रदेश के लिए ही नहीं बल्कि देश के लिए भी एक मिसाल बनने जा रहा है। तापीय विद्युत परियोजनाओं को लेकर सिंगरौली जल्द ही देश के लिए रोल मॉडल बनेगा। कोयले के संकट को देखते हुए यहां स्थित कंपनियां अब सोलर पावर प्लांट की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं। सोलर प्लांट से बिजली बनाने की तैयारी न केवल कोयले की बचत करेगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण का लाभी भी देगी।

कई निजी कंपनियों ने की तैयारी
सोलर प्लांट को लेकर एनसीएल और एनटीपीसी के अलावा दूसरी कई निजी कंपनियों ने भी योजना तैयार की है। कोयला उत्पादक कंपनी एनसीएल ने कोयले की बचत का संदेश देने के लिए 50 मेगावाट बिजली का प्रतिदिन उत्पादन करने का निर्णय लिया है। सोलर पॉवर प्लांट को लेकर कंपनी इस दिशा में तेजी से काम कर रही है। एनसीएल सोलर प्लांट से उत्पन्न होने वाली बिजली का प्रयोग स्वयं करेगी।

इनरजेन भी आई आगे
एनटीपीसी विंध्यनगर ने 15 मेगावाट क्षमता वाले सोलर पॉवर प्लांट का संचालन शुरू किया है। विंध्यनगर परियोजना सोलर प्लांट की क्षमता में और बढ़ोतरी करने की योजना बनाई है। एल्युमिनियम उत्पादक कंपनी हिंडालको कोयले के माध्यम से खुद के लिए बिजली तैयार करती है। लेकिन अब कोयले की खपत कम करने के लिए इस कंपनी ने भी 25 मेगावाट सोलर प्लांट की शुरुआत की है। इसी प्रकार जिले में संचालित सासन पावर व महान इनरजेन पॉवर लिमिटेड भी सोलर ऊर्जा के लिए आगे आई हैं।

सोलर पर मंत्रालय का भी जोर
कोयला मंत्रालय ने सोलर पावर प्लांट को संकटमोचन बताया है। एनसीएल के पीआरओ राम विजय सिंह के मुताबिक सोलर प्लांट से कोयले की मांग कम होगी। मंत्रालय ने बिजली का खुद के लिए प्रयोग करने के लिए भी सोलर प्लांट स्थापित करने के निर्देश दिए हैं।