8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

खंडवा सांसद नंदकुमारसिंह चौहान के बिगड़े बोल…आतंकवादी कमलनाथ का सफाया सिंधिया व साथ आए विधायकों ने किया, फिर से मत पनपने देना

भाजपा जिला कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अमर्यादित हुए चौहान, चुनाव से पहले फिसलती है जुबान, पहले भी बिगड़े बयानों से रह चुके हैं सुर्खियों में

2 min read
Google source verification

खंडवा

image

Amit Jaiswal

Sep 07, 2020

nandkumar singh chauhan statement about kamlnath

nandkumar singh chauhan statement about kamlnath

खंडवा. आतंकवादी कमलनाथ का सफाया ज्योतिरादित्य सिंधिया व उनके साथ आए विधायकों ने किया है। अब इसे फिर से मत पनपने देना।

मप्र भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और खंडवा सांसद नंदकुमारसिंह चौहान के बिगड़े बोल सामने आए हैं। सोमवार को भाजपा जिला कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को आतंकवादी तक बताते हुए कहा- ये प्रदेश हम ऐरे गैरों के हाथ में नहीं जाने देंगे। आतंकवादी के हाथों नहीं जाने देंगे। सांसद ने कहा- ये विधायक यहां नहीं होते तो कमलनाथ सड़क पर नहीं होते और शिवराज आज मुख्यमंत्री नहीं होते। हमारे लिए तो ये 25 वीआइपी हो गए। ये 25 का आना मतलब हमारी सबकी सरकार का बनना। कमलनाथ के राज में तत्कालीन जिलाध्यक्ष हरीश कोटवाले और भाजपा कार्यालय तोडऩे आ गए थे। ऐसा आतंकवादी था कमलनाथ का राज। अब इसे मत पनपने देना। एक सुर में बोलना कि मांधाता से नारायण पटेल व नेपानगर से सुमित्रा कास्डेकर को जिताना है।

आतंक और आपातकाल से सरकारें नहीं चलती
सांसद चौहान ने आपातकाल का भी जिक्र किया। बोले- आतंक से सरकारें नहीं चलती। एक दौर में आपातकाल लगाया था। उस समय आतंक के बल पर सरकार में आने की कोशिश की थी, सफल नहीं हुए। 15 महीने में कमलनाथ ने भी वही किया। उसका फल उन्हें मिल गया।

घर फूंककर आए हैं, उनकी शान बढ़ाना
नसीहत देते हुए कार्यकर्ताओं से सांसद चौहान ने कहा कि विधायक पद से इस्तीफा देकर और कांग्रेस छोड़कर जो हमारे परिवार में जुड़े हैं। उन्होंने अपना घर फूंक दिया, उसे आग लगा दी। इस घर में रहने के भाव से आए हैं, उनकी शान बढ़ाना है। ये छोटी घटना नहीं है। इसने मप्र का रंग व फिजा बदल दी। नहीं तो पटवारी भी नहीं सुनता था, भाजपा वाले सब पतली गली से निकल जाते थे। आज सरकार का जलवा है। ये बनान में इन लोगों का योगदान है।