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बीजेपी सुप्रीमो नंदकुमारसिंह चौहान देंगे सरकार के खिलाफ धरना

मध्यप्रदेश के ओंकारेश्वर में नर्मदा जल कम होने से श्रद्धालुओं की मौत और घाटों पर सूखे की स्थिति बनी है। इसको लेकर धरना जारी था, जिसे आश्वासन बाद खत्म

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Narmada water left BJP chief will Nand Kumar Chauhan protest against government in khandwa

Narmada water left BJP chief will Nand Kumar Chauhan protest against government in khandwa

ओंकारेश्वर. नर्मदा के निरंतर घटते जलस्तर व अविरल जलधारा, सामान्य जलस्तर की मांग को लेकर पिछले दो माह से जारी नर्मदा महासंग्राम आंदोलन को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के आश्वासन पर छह माह के लिए स्थगित किया गया है। संतों व नगरवासियों द्वारा बताए समाधान एवं जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के बाद आंदोलन स्थगित किया गया है। बीजेपी सुप्रीमो नंदकुमारसिंह चौहान ने कहा नर्मदा की अविरल जलधारा व सामान्य जलस्तर नहीं बना तो छह महीने में एनएचडीसी व एनवीडीए के खिलाफ मौर्चा खोलेंगे। वहीं साधु-संतों के साथ धरना देकर सरकार का विरोध करेंगे। जिसके बाद यहां धरना प्रदर्शन को ६ महीने के लिए स्थगित कर दिया गया।
धरना स्थल पहुंचे सांसद-विधायक
नर्मदा महासंग्राम की ओर से जारी आंदोलन के तहत धरने में रविवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, विधायक लोकेंद्र सिंह तोमर भी पहुंचे। उन्होंने विश्वास दिलाया कि सीएम शिवराज सिंह चौहान मां नर्मदा की अविरल जलधारा व सामान्य जल स्तर के लिए सतत प्रयासरत हैं। नर्मदा की अविरल जलधारा व सामान्य जलस्तर नहीं बना तो 6 माह बाद हम दोनों जनप्रतिनिधि सांसद और विधायक होने के नाते इस आंदोलन में सहभागी बनेंगे। कंधे से कंधा मिलाकर एनएचडीसी व एनवीडीए के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे।
चौहान ने स्वीकारा, मांगें जायज हैं
बांध प्रबंधन कंपनी से निराकरण के संबंध में कार्य कराया जा रहा है। छह माह के अंदर ही समस्या समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि नर्मदा महासंग्राम द्वारा जारी आंदोलन की मांगें जायज हैं। क्योंकि यह आस्था, श्रद्धा व धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ विषय है। हमारी ओर से भी सहयोग मिलेगा। इस पर नर्मदा महासंग्राम के कार्यकर्ताओं ने कहा कि 6 माह के अंदर नर्मदा की अविरल जलधारा सुचारू रूप से प्रारंभ नहीं हुई तो यह आंदोलन अतिउग्र रूप लेगा। जिसे हम किसी के भी आश्वासन पर थमने नहीं देंगे। मध्यप्रदेश के ओंकारेश्वर में नर्मदा जल कम होने से श्रद्धालुओं की मौत और घाटों पर सूखे की स्थिति बनी है। इसको लेकर धरना जारी था, जिसे आश्वासन बाद खत्म किया।