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खंडवा. बदनामी के डर से जो लोग नवजात को यूं ही कपड़े में लपेट कर कचरे के ढेर और सूनसान जगह पर छोड़ जाते थे उनके लिए महिला सशक्तीकरण विभाग ने नई योजना शुरू की है। शहर में लगभग एक दर्जन स्थानों पर झूले घर बनाए जाएंगे, जहां ये लोग अपनी पहचान छुपाकर इन बच्चों को छोड़कर जा सकते हैं। इसके लिए रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड सहित शहर की मुख्य जगहों को चिह्नित किया गया है। विभाग के अनुसार अभी यह व्यवस्था प्रदेश के कुछ जिलों में ही किया जा रहा है, धीरे-ध्ीरे इस व्यवस्था को पूरे प्रदेश के सभी जिलों में लागू कर दिया जाएगा।
ये रहेगी सुविधा
जिन स्थानों पर झूला लगाया जाएगा उस स्थान पर एक इलेक्ट्रानिक घंटी का स्विच लगेगा। इसके बाद उसकी घंटी को आस-पास के घरों में किसी जिम्मदेार परिवार या संस्थान को सौंपा जाएगा। इसमें करीब पांच मिनट का समय दिया जाएगा, ताकि बच्चे रखने वाले आसानी से वहां से जा सके और उनकी गोपनीयता बनी रहे। घंटी रखने के पांच मिनट बाद उस बच्चे की सूचना १०८ के माध्यम से उसे लेडी बटलर पहुंचाया जाएगा।
इसलिए शुरू की व्यवस्था
अब तक लोग इस तरह के नवजातों को लोकलाज के भय से कहीं दूर झाडि़यों में या फिर कूड़ेदान में फेंक देते थे। एेसे में जानवरों के नोचने और इलाज के अभाव में बच्चे की मौत हो जाती थी। कुछ दिनों पहले शहर में हुई घटना को लेकर महिला सशक्तिकरण विभाग के अधिकारी ने शासन को पत्र लिखकर इस पर कार्रवाई की मांग की। तब शासन ने इन्हें स्थान चिह्नित कर जिले में जगह-जगह झूले लगाने की अनुमति दी है।
गोपनीय रखा जाएगा नाम
शासन के आदेश पर शहर के चिन्हित स्थानों पर झूले लगाए जाएंगे, ताकि नवजातों की मौत न हो। झूलों में बच्चों को रखने वालों के नाम गोपनीय रखे जाएंगे। बृजराज शर्मा, बाल संरक्षण अधिकारी
Published on:
28 Nov 2017 12:26 pm
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