किसी भी जानवर का नहीं होगा कत्ल........
खंडवा.
अहिंसा का संदेश देनेवाले पर्यूषण पर्व के दौरान मांस के लिए जीवों के साथ हिंसा कैसे स्वीकार की जा सकती है? इस भावना के साथ जैन समाज ने पर्व में कत्लखाने एवं मांस की दुकाने बंद करवाने की मांग की है। इसके लिए वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन दिया। सकल जैन समाज का प्रतिनिधिमंडल जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचा और कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन एडीएम राजेश जैन को सौंपा। पदाधिकारियों ने इसको लेकर चर्चा भी एडीएम से की। ज्ञापन सौंपते समय अभय जैन (अध्यक्ष श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ), नरेंद्र जैन (वर्धमान स्थानकवासी संघ), विजय जैन, राजकुमार बोथरा, चंद्रकुमार सांड, सरोज बोथरा प्रदीप जैन (नवकार) सहित बड़ी संख्या में सामाजिक बंधु उपस्थित थे। सौंपे गए ज्ञापन में मांग की गई कि सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2005 के केस में जजमेंट दिया है कि पर्यूषण के 16 दिन कत्लखाने और मांस की दुकानें बंद रखें।
पर्यूषण पर्व पर कत्लखाने एवं मांस की दुकान बंद करवाने की मांग
मांग को लेकर कलेक्टर के नाम एडीएम को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सिविल प्रकरण क्रमांक 5469 वर्ष 2005 के केस में जजमेंट दिया है कि पर्यूषण के 16 दिन कत्लखाने और मांस की दुकानें बंद रखें !
उपरोक्त जजमेंट के आधार पर भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड ने भारत के सभी जिला कलेक्टर को तारीख 23 अगस्त 2019 को एक सूचना पत्र जारी करके जिले के कत्लखाने और मांस की दुकानें बंद रखने का अनुरोध किया है! गौरतलब है कि पर्यूषण पर्व दिनांक 27 अगस्त 2019 से प्रारंभ हुआ है और 13 सितंबर 2019 तक रहेगा !
सर्वोच्च न्यायालय के जजमेंट का पालन करवाने के लिए जैन समाज ने वरिष्ठ अधिकारियों से गुहार लगाई। ज्ञापन में मांग की गई कि इस पर तुरंत अमल किया जाए। यदि यह मांग स्वीकार कर ली जाती है और इसपर सख्ती से अमल किया जाए तो पर्व के पूरे १६ दिनों तक एक भी जानवर का कत्ल नहीं किया जा सकेगा।