
PM करा रहे गृह प्रवेश, यहां 11 साल से नहीं बन सका एक भी आवास
खंडवा. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मंगलवार को मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में 536 हितग्राहियों को गृह प्रवेश कराया गया। एक ओर जहां प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री घर बनवाकर दे रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर प्रशासन के कुछ नुमाइंदे योजनाओं को पलीता लगाने में लगे हुए हैं। ग्राम मथेला में योजना के शुरू होने के 1 साल बाद भी इस गांव में एक भी प्रधानमंत्री आवास योजना का मकान नहीं बन पाया है। इससे जाहिर है कि, योजना क्रियान्वयन में कितने प्रयास किए गए हैं।
पुनासा की ग्राम पंचायत मथेला को शासन ने शायद प्रधानमंत्री आवास योजना लायक नहीं समझा। यही वजह है कि, दो हजार आबादी और 400 मकानों वाले इस गांव में 2011 के बाद से आज तक एक भी हितग्राही को आवास योजना का लाभ नहीं मिल सका है। यहां करीब 120 कच्चे टपरों में रह रहे लोग योजना से कैसे अछूते रह गए। इसकी जानकारी आला अफसरों को नहीं है। जिम्मेदारों का कहना है कि, पुरानी सर्वे सूची में हुई गलती के चलते ये हुआ है। इस त्रुटि को सुधारकर हितग्राहियों का चयन किया जा रहा है।
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[typography_font:14pt;" >हंतिया के लोगों का भी हो गृह प्रवेश
पुनासा के ग्राम पंचायत हंतिया के आदिवासियों का भी गृह प्रवेश होना चाहिए। ये मांग जिपं सदस्य रणधीर कैथवास ने कलेक्टर से की है। उन्होनें बताया कि, ग्राम हंतिया के 187 इंदिरा वनाधिकार आवास योजना के हितग्राहियों को आज तक गृह प्रवेश नहीं मिला है। जबकि, 14 जुलाई 2020 को जांच दल ने आवास योजना में भ्रष्टाचार की जांच की, जिसमें आवास निर्माण न किया। ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत तक अधिकारी व कर्मचारियों ने लाखों का भ्रष्टाचार किया, जिसमें वे आरोपी भी पाए गए। इसमें जिला पंचायत की ओर से पुलिस ने मामला दर्ज करने का पत्र भी जारी हुआ, लेकिन अभी तक कोई एफआइआर दर्ज नहीं की गई।
सात साल में सिर्फ एक को मिला लाभ
जिले में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल कार्यक्रम के तहत गरीबों को गृह प्रवेश कराया। घरों में शंख बजे, दीप जले, कलश, रंगोली की पंरपरा के साथ लोगों ने घर में प्रवेश किया। इसके विपरीत पंधाना ब्लॉक के भगवानपुरा में ग्रामीण कार्यक्रम से ही अनभिज्ञ रहे। चार हजार की जनसंख्या वाले गांव में पिछले सात साल में महज एक व्यक्ति को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है। आज भी लोग अपने आवास का सपना देख रहे हैं।
झाड़ू बनाकर टपरी में गुजारा कर रही बुजुर्ग
गांव में कझोपड़ी में रहकर झाड़ू बनाकर जीवन यापन करने वाली बुजुर्ग विधवा बनारस बाई पति सीताराम गोंड आज तक पक्के मकान की आस में है। बनारस बाई का कहना है कि, घर की हालत बहुत खराब है। यदि पक्का मकान मिल जाए तो किस्मत खुल जाए। कुछ ऐसे ही हालात तुलसाबाई, चेतराम सहित गांव के कई गरीबों के हैं, जो लंबे समय से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मांग रहे है।
2011 की सर्वे सूची में नहीं था नाम
इस संबंध में मथेला पंचायत सचिव भावना राधेश्याम राठौर का कहना है कि, 2011 की सर्वे सूची में नाम नहीं होने से गरीब हितग्राहियों को योजना का लाभ देने में समस्या आ रही है। 2021 के सर्वे सूची में इनका नाम शामिल किया गया है। हमने कुछ माह पूर्व 131 लोगों के नाम का चयन कर सूची भेजी हुई है।
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Published on:
30 Mar 2022 09:28 pm
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