
खंडवा : निर्माणाधीन आवासों के निर्माण की टैंगिन का कार्य
नगरीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना नौ साल बाद भी शत प्रतिशत पूर्ण नहीं हो सकी। निगम अधिकारियों की कमजोर मानीटरिंग के चलते 120 से अधिक हितग्राही पहली किस्त लेकर आवास का निर्माण नहीं कराया। अब पहली किस्त लेकर गायब हितग्राहियों से 1.20 करोड़ रुपए की वसूली में निगम अधिकारियों के हाथ-पांव भूल रहे। निगम ने वसूली के लिए तहसीलदार को लिस्ट भेजी है। इसमें 120 हितग्राहियों से वसूली के लिए आरआरसी जारी की गई है। कुछ तो नींव, प्लिंथ और दीवार खड़ी कर निर्माण पूर्ण नहीं कराया। योजना बंद हुए एक साल हो गए, लेकिन अभी तक योजना पूर्ण नहीं हो सकी।
योजना के परीक्षण में 2621 पात्र मिले
शहरी क्षेत्र में मार्च 2015 से 2022 के बीच 3,450 हितग्राहियों का आवास निर्माण कराने निगम अधिकारियों ने तीन अलग-अलग डीपीआर तैयार किए। एक रिपोर्ट के अनुसार योजना के परीक्षण में 2621 पात्र मिले। शेष अपात्र हो गए। विभाग की सख्ती के बाद जिम्मेदारों ने तीनों डीपीआर में से 834 अपात्र हितग्राहियों के स्वीकृत आवासों के सरेंडर की कार्रवाई की। योजना शुरू से अब तक 2,250 से अधिक हितग्राहियों के आवास पूर्ण की रिपोर्ट है। शेष हितग्राहियों के निर्माण प्रगति पर है। पहली किस्त के बाद निर्माण की स्थिति जीओ टैगिन के बाद हितग्राही के खाते में अगली किस्त जारी होती है।
आवास निर्माण नहीं करने वालों को नोटि
सयोजना चालू से लेकर अब तक पहली किस्त लेकर गायब होने वालों को निगम ने पहले नोटिस जारी कर आवास निर्माण करने की कोशिश की। तीन बार नोटिस जारी करने के बाद भी आवास निर्माण शुरू नहीं कराया। इसमें 120 हितग्राहियों से वसूली के लिए आरआरसी जारी की गई है। एक साल तक निगम के अधिकारी न तो वसूली कर सके और न ही निर्माण शुरू करा सके। इसके बाद वसूली के लिए राजस्व 5ाग को लिस्ट भेजी है।
जीओ टैंगिन जारी
नगरीय क्षेत्र में मंगलवार को पूर्ण और निर्माणाधीन आवासों के निर्माण की टैंगिन का कार्य जारी रहा। इसकी मॉनीटरिंग वर्तमन समय में ईई कर रहे हैं। ईई ने बताया कि आवास नहीं बनाने वालों से वसूली की प्रक्रिया प्रचलन में है। वसूली के लिए लिस्ट तहसीलदार कार्यालय भेजी गई है।
ऐसे समझें एक करोड़ 20 लाख की वसूली
इस योजना में हितग्राहियों के पहली किस्त एक-एक लाख रुपए जारी की गई। 120 हितग्राहियों ने आवास निर्माण नहीं कराया। वसूली के लिए एक करोड़ 20 लाख होती है।
फैक्ट फाइल
गए डीपीआर व सरेंडर की स्थिति
2070 458
772 180
608 196
3,450 834
नोट : वर्ष 2015 से 2022 के बीच तैयार किए गए डीपीआर व सरेंडर की स्थिति
Published on:
04 Jan 2024 12:58 pm
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