19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

खंडवा

इम्पैक्ट: रेलवे की परमिशन पर कॉलोनाइजर के यहां जा रही थी रेत

मजिस्ट्रेट चेकिंग में सामने आया खुला खेल, नो एंट्री में पकड़ा गया डंपर, 201 वाहन चालकों के कटे चालान, सरकारी अफसरों की गाडि़यां भी रोकी गईं

Google source verification

खंडवा. मजिस्ट्रेट चेकिंग के दौरान नो एंट्री का खुला खेल सामने आया। टैगोर पार्क के पास जब सीजेएम राकेश पाटीदार के आदेश पर दोपहर 12 बजे वाहनों को जांचना शुरू हुआ तो यहां से गुजर रहे हाइवा, डंपर भी रोक लिए गए। इन्हीं में काली रेत भरे एक डंपर के विंड स्क्रीन पर एसडीएम की अनुमति चस्पा थी। जब डंपर के हेल्पर से पूछताछ हुई तो पता चला कि रेलवे की अनुमति के नाम पर काली रेत की सप्लाई इंदौर रोड के काॅलोनाइजर के यहां हो रही है। इस तरह के कई वाहन जांच में फंसे जो नोएंट्री में बिना अनुमति के चल रहे थे। खंडवा शहर में पहली दफा हुई मजिस्ट्रेट चेकिंग का खासा असर रहा। शहर के तीनों थाना क्षेत्रों में अलग अलग मजिस्ट्रेट अपनी टीम और थाना पुलिस के साथ वाहनों की जांच करते रहे।
201 वाहनों का चालान
ट्रैगोर पार्क के पास यातायात पुलिस की मदद से वाहनों की जांच में 107 चालान बनाकर 44 हजार रुपए का जुर्माना वसूला गया। इंदौर रोड पर पदमनगर थाना पुलिस की मदद से वाहन चेकिंग में 35 वाहनों के चालान काटे गए। कोतवाली थाना पुलिस मजिस्ट्रेट के साथ रामनगर में मौजूद रही। यहां 31 चालान बनाए। जसवाड़ी रोड पर मोघट थाना का बल मजिस्ट्रेट चेकिंग में रहा और यहां पर 28 वाहनों के चालान बने। दोपहिया वाहनों में दस्तावेज और हेलमेट जांचे जा रहे थे। जबकि चौपहिया और भारी वाहनों में पीयूसी, बीमा पर गौर किया गया।
हेल्पर ने उगली हकीकत
पत्रिका यह मुद्दा लंबे अर्से से उठा रही है कि नो एंट्री में बिना अनुमति के वाहन चल रहे हैं। जो वाहन अनुमति लेकर चल रहे वह नियत स्थान पर सेवाएं नहीं दे रहे। नो एंट्री का यह गड़बड़झाला मजिस्ट्रेट जांच में सामने आया। काली रेत से भरे डंपर एमपी 12 एच 0922 के हेल्पर हर्ष से पूछताछ में पता चला कि यह गाड़ी इंदौर रोड के पास कॉलोनी काट रहे विजय जैन के यहां जा रही है। जबकि इस डंपर पर रेलवे कार्य की अनुमति चस्पा थी।
नो एंट्री के पहले पकड़े वाहन
दोपहर 12 बजे से ही मोबाइल कोर्ट सक्रिय हो गई थीं। नो एंट्री में छूट के समय दोपहर एक बजे से पहले ही रेत से भरे हाइवा आरजे 21 जीसी 0693, काली रेत का हाइवा एमएच 12 यूएम 5591, एमपी 12 जीए 0625, पत्थर फर्सी से लोड ट्रक आरजे 14 जीडी 2283 कार्रवाई के लिए रोक लिए गए। गिट्टी से भरे डंपर एमपी 12 जीए 0704, काली रेत से भरे डंपर एमपी 12 जीए 0703 के चालक दस्तावेज नहीं दिखा सके। यह दोनों वाहन राकेश बंसल के यहां जाना बताए गए। दोनों गाड़ी यातायात थाने में खड़ी करा दी गई हैं।
रेंजर से बोले, हूटर की परमिशन दिखाओ
वाहन जांच में रेंजर खंडवा नितिन राजोरिया के वाहन एमपी 12 टी 1725 को रोक लिया गया। जब रेंजर मजिस्ट्रेट पाटीदार के सामने पहुंचे तो उनसे पूछा गया कि हूटर की परमिशन है?, अगर है तो दिखाओ। इस पर सधे शब्दों में रेंजर ने मना किया और गलती मानी। मजिस्ट्रेट ने तत्काल हूटर निकालने के आदेश दिए। इसी तरह नगर पालिक निगम में पदस्थ कार्य पालन यंत्री वर्षा घिघोड़े की कार एमपी 12 सीए 2888 को लेकर उनका चालक जा रहा था। इस वाहन से भी हूटर हटाने को कहा गया। एक वाहन किसान मोर्चा भाजपा अध्यक्ष मंडल रोशनी का रोका गया। इस वाहन का चालान बनाने के आदेश दिए गए।
हेलमेट कहां है…
साब बच्चों को लेकर जा रहे थे। कागज बनवा लेंगे… चालान के लिए पैसा नहीं है। सर, पेट्रोल डलवाने आया था, हेलमेट घर पर है। सर, गाड़ी के कागज तो घर में रखे हैं…। सर, डॉक्टर को दे आए पैसा, भाई की गाड़ी है, दूसरे को लेकर आए हैं, छोड़ दो। सर, मैं तो सिंगल थी, हेलमेट घर पर है। सर मैं चाइल्ड लाइन से हूं जाने दीजिए। सर, लोकल में भी हेलमेट लगाऊं क्या? रोज रोज चेकिंग नहीं होती, इसलिए हेमलेट नहीं लगाते। सर, मेरा हाथ टूटा है, बच्चा चला रहा था… जाने दीजिए। नेक्स्ट टाइम नहीं होगा सर। इस तरह की बातें जिस्ट्रेट के सामने आईं।
वर्दी की इज्जत रखो…
यहीं कॉलेज के एनसीसी कैडेट्स भी एक वाहन में तीन- तीन पकड़े गए। इनमें युवक, युवतियां दोनों शामिल थे। इन्हें मजिस्ट्रेट ने कहा, गाड़ी पापा की है तो चालान बनवाओ पहले। बिना हेलमेट हो, वर्दी की इज्जत रखो। यही तो चेलेंज है कि पैसा नहीं है तो कैसे व्यवस्था करोगे। यह सुनने के बाद कैडेट्स ने अपने वाहनों के चालान बनवा लिए।