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ढोल पर पड़ा दंड तो शहर में शिव गर्जना

तय समय से चार घंटे देरी से शुरू हुई सांसद की कावड़ यात्रा, सांसद बोले- कांग्रेस चुनाव आयोग नहीं, शिव की शरण में जाए

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खंडवा

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Rahul Singh

Aug 12, 2018

moradabad

Shiv Shraddha Kawad Yatra

खंडवा. शहर के प्राचीन रामेश्वर आम्रकुंज से शिव श्रद्धा यात्रा निकली। भगवानशिव में श्रद्धा की कावड़ उठाते हुए यहां से राजनीति के पथ की यात्रा की गई। तय समय से चार घंटे देरी से शुरू हुई कावड़ यात्रा ने साढ़े तीन घंटे में इंदौर नाका को पार किया। ढोल और ताशों पर पर दंड पड़ते ही जो गूंज उठी, उसने हर किसी को आकर्षित किया। शहर में हुई 'शिव गर्जनाÓ ने लोगों को मोहित किया।

मप्र भाजपा के अध्यक्ष पद से हटने के बाद पहली बार श्रद्धा कावड़ यात्रा निकाल रहे सांसद नंदकुमारसिंह चौहान के सामने शनिवार दोपहर १ बजे उस समय विचित्र स्थिति बन गई, जब वो यात्रा का आगाज करने से पहले रामेश्वर आम्रकुंज पर संबोधित कर रहे थे। यहां कलश लेने के लिए महिलाओं में छीनाझपटी शुरू हुई तो उन्हें संबोधन बीच में ही रोकना पड़ा। भाजयुमो जिलाध्यक्ष श्यामसिंह मौर्य, रोहित मिश्रा सहित अन्य ने व्यवस्था बनाने की कोशिश की लेकिन ये काम न आई। यात्रा को शक्ति प्रदर्शन का जरिया बनाया गया।

कावडि़ए कम, दावेदार ज्यादा, अलग दिखने की चाह
यात्रा में कावड़ उठाकर चलने वालों की संख्या इस सिर्फ ११ ही रही, जबकि शामिल होने वालों का आंकड़े को लेकर तीन हजार से ज्यादा का दावा किया जा रहा है। यहां विधानसभा चुनाव के दृष्टिकोण से दावेदार ज्यादा थे। उनमें भी अलग दिखने की चाह ज्यादा थी। सभी लोग अलग-अलग स्थानों से कावड़ यात्रा के साथ जुड़े। कावड़ यात्रा में सांसद चौहान के साथ पत्नी दुर्गेश्वरी सिंह, भतीजा सृजनसिंह चौहान भी शामिल हुए।

इन मार्गों से निकली कावड़ यात्रा
रामेश्वर आम्रकुंज से रामेश्वर रोड, बड़ा बम, तीन पुलिया, रेलवे स्टेशन के सामने से बॉम्बे बाजार, केवलराम चौराहा, घंटाघर, नगर निगम, शेर चौराहा, जिला अस्पताल चौराहा, पड़ावा रोड होते हुए इंदौर नाके से आगे देशगांव के लिए निकली।

शिव गर्जना की प्रस्तुति का स्थान बदला
पुणे की शिव गर्जना बैंड की प्रस्तुति को देखने के लिए लोग जमा हो रहे थे। इस साल पहली बार हुआ जब बैंड ने केवलराम चौराहा से प्रस्तुति की शुरूआत की, जबकि बीते साल बड़ाबम चौराहा से ही प्रस्तुति शुरू हो गई थी। जलगांव की ताशा पार्टी, दो बैंड भी शामिल थे।

चप्पल-जूते पहनकर थामी कावड़
इस बार फिर एेसा हुआ जब सांसद चौहान ने चप्पल पहनकर कावड़ थामी। इसके अलावा जिन दो कावड़ को अलग-अलग लोग उठाते रहे, उन्होंने भी जूते उतारना मुनासिब नहीं समझा। बता दें कि बीते वर्षों में इस तरह की स्थिति बनने पर लोगों ने इसे उचित नहीं बताया था।

कावड़ यात्रा को राजनीतिक स्टंट बताकर कांग्रेस द्वारा चुनाव आयोग को शिकायत किए जाने के मुद्दे पर सांसद चौहान ने कहा कि वे भगवान शिव की शरण में जाए तो बेहतर होगा। श्रद्धा कावड़ यात्रा को चंदा यात्रा कहे जाने पर सांसद का जवाब आया कि कांग्रेसी मित्रों की धर्म में श्रद्धा नहीं है, वे तो अधर्म में विश्वास रखते हैं।

एेसे आगे बढ़ेगी यात्रा
12 अगस्त को सुबह 7 बजे देेशगांव से दूसरे पड़ाव सनावद पहुंचेंगी, जहां जबलपुर की शहनाज अख्तर भजन प्रस्तुति देंगी।
13 अगस्त सावन सोमवार को सनावद से सुबह 8 बजे यात्रा प्रारंभ होगी, जिसमें खंडवा संसदीय क्षेत्र के पदाधिकारी-कार्यकर्ता शामिल होंगे।
एक नजर में कावड़ यात्रा
12.30 बजे सांसद नंदकुमारसिंह रामेश्वर कुंड पहुंचे।
2.45 बजे पूजन-अर्चन कर संतों का लिया आशीर्वाद।
1 बजे कलश के लिए छीनाझपटी मची तो संभालना हुआ मुश्किल।
२ झांकियों में एक भोले की बरात, दूसरी बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ पर आधारित थी।
१ पड़ाव कावड़ यात्रा का देशगांव में हुआ, जहां देर शाम यात्रा