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chaos: शौचालय के पानी से बन रही रेल यात्रियों की चाय

उबालते नहीं, इमर्शन रॉड से गरम करते हैं चाय का पानी ट्रेन की गार्ड बोगी में चलती है अनाधिकृत पेंट्रीसंक्रमण के दौर में यात्रियों की सेहत से खिलवाड़    

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jeopardizing the health of passengers

अनाधिकृत रूप से गार्ड बोगी में चाय बनाता कर्मचारी।

खंडवा. अगर आपको पता चले कि चुस्की लेकर जिस चाय को आप बड़े मजे से पी रहे हैं वो शौचालय के पानी से बनी है, तो क्या हो? अब एक बात और कि शौचालय से लिए गए पानी को बिना उबाले ही महज इमर्शन रॉड से गरम कर चाय बनाई गई तो फिर? यह जानने के बाद शायद दोबारा रेलवे की चाय आपके हलक से न उतरे, लेकिन ऐसा ही कुछ रेलवे में चल रहा है। इसे पत्रिका ने अपने कैमरे में कैद किया है। लंबी दूरी की यात्री ट्रेन में पेंट्रीकार के कर्मचारी इसी तरह की हरकतें करते हुए इस संक्रमण काल में यात्रियों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं।

गार्ड बोगी को बनाया पेंट्रीकार
लखनऊ से चलकर इटारसी के रास्ते यशवंतपुर को जाने वाली ट्रेन 12540 यशवंतपुर सुपरफास्ट में एलएचबी कोच लगे हुए थे। इंजन के पास आगे की ओर लगने वाली गार्ड बोगी में पेंट्रीकार का एक कर्मचारी अपना डेरा जमाए था। इसने चाय परोसने वाली केटली में पानी भरकर इमर्शन रॉड लगा रखी थी। केटली में भरा हुआ पानी भी शौचालय से ही लिया गया था। पानी गरम होते ही उसमें दूध और चाय पत्ती का पानी मिलाकर यात्रियों को बेचने के लिए दूसरे कर्मचारी के हाथ भेज दी।

विद्युत कनेक्शन से छेड़छाड़
नई तकनीक से बने एलएचबी कोच की गार्ड बागी में विद्युत कनेक्शन से छेड़छाड़ करते हुए इमर्शन रॉड के लिए अलग से स्विच बोर्ड लगाया गया था। इस बोर्ड के तार बार बार ढीले होते और कर्मचारी हर बार उसे जुगाड़ से फंसा देता था। इस दौरान कई दफा स्पॉर्किंग भी हुई, लेकिन कर्मचारी इसके लिए अभ्यस्त था इसलिए उसने पेचकस, प्लास जैसे औजार भी अपने पास रखे थे, ताकि चाय के लिए पानी गरम करने में विद्युत अवरोध पैदा न हो।

चाय बनाने की विधि
रेलवे में आरमतौर पर दिखाई देने वाली स्टील की चाय की केटली में शौचालय के सिंक से पानी भर लिया जाता है। इसके बाद इसी केटली में बिना साफ किए इमर्शन रॉड को डालकर उसे गरम करने के लिए विद्युत कनेक्शन से जोड़ दिया जाता है। पानी गरम होने तक एक हीटिंग कप में शौचालय का ही पानी भरकर चाय पत्ती उबाल ली जाती है। केटली में पानी गरम होने पर उसमें दूध के साथ चाय पत्ती का पानी और शक्कर मिला देते हैं। इसी गरम पानी को चाय के रूप में यात्रियों को बेच दिया जाता है।

कैसे कर लेते हैं ये सब
एक तो शौचालय के सिंक का पानी, फिर उसे बिना उबाले सिर्फ गरम कर दिया जाता है। दूसरी ओर जिस इमर्शन रॉड का इस्तेमाल पानी गरम करने के लिए होता है उसे कहीं भी रखने के बाद सीधे पानी भरी केटली में डाल दिया जाता है। जबकि जानकार बताते हैं कि रॉड इस्तेमाल करने पर हर बार उसे ठीक से साफ करना जरूरी है, ताकि बाहर की गंदगी और केमिकल पानी में न मिल सकें। इस दौर में जहां कोरोना के बाद ओमिक्रॉन संक्रमण का डर सता रहा था, वहीं नियम कायदों को ताक पर रखते हुए चलती ट्रेन में सेहत से खिलवाड़ चल रहा है।

जो वीडियो फुटेज आए हैं उसकी जांच करा रहे हैं। पुष्टि होते ही वैधानिक कार्रवाही कराई जाएगी।
- आनंद झा, पीआरओ, आइआरसीटीसी