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औंकारेश्वर बांध से छोड़ा पानी तो डूब गए सारे घाट, मंदिर और छतरियां, तस्वीरों में देखें हालात

नर्मदा का जलस्तर बढ़ने से गणेश मंदिर की सीढ़ियां और छतरियां आधी डूबीं

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औंकारेश्वर बांध से छोड़ा पानी तो डूब गए सारे घाट, मंदिर और छतरियां, तस्वीरों में देखें हालात

औंकारेश्वर बांध से छोड़ा पानी तो डूब गए सारे घाट, मंदिर और छतरियां, तस्वीरों में देखें हालात

महेश्वर. ओंकारेश्वर बांध से लगातार पानी छोडऩे से नर्मदा उफान पर है। बुधवार को किले के सामने के सभी घाट, मंदिर और छत्रियां आधे से ज्यादा डूब गई। गणेश मंदिर की सीढिय़ों तक पानी पहुंच गया। नर्मदा का पानी खतरे के निशान 149 मीटर को लांघ कर 150 मीटर तक पहुंचा। इसके चलते सभी घाट जलमग्न हो गए। वही घाट स्थित मंदिर और छतरियों में पानी घुस आया। जिसका जायजा तहसीलदार मुकेश बामनिया एवं टीआइ पंकज तिवारी द्वारा नाव से लिया गया। जलस्तर बढऩे से पर्यटकों लिए किला परिसर बंद रहा।

नर्मदा में जल स्तर कम होने के बाद इंदौर-इच्छापुर हाईव स्थित मोरटक्का पुल पर बुधवार शाम को बड़वाह साइड के एक पिलर पर दरार दिखने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। शाम को पुल से आवागमन शुरू होना था, लेकिन पुल का पिलर क्षतिग्रस्त होने के बाद प्रशासन ने इस पर वाहनों के आने-जाने पर रोक लगा दी है। बड़वाह एसडीएम सहित एनएचआई, एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने क्षतिग्रस्त पिलर की स्थिति देखी। यहां पिलर की दरार कितनी खतरनाक है, इसकी जांच के बाद ही आवागमन शुरू हो पाएगा।

नर्मदा में पानी बढऩे से मोरटक्का पुल पर पहले बड़े वाहनों का आवागमन रोका गया था, बाद में जलस्तर खतरे के निशान से 1.6 मीटर ऊपर होने पर पुल को पूरी तरह बंद कर दिया गया था। बुधवार को इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध से पानी का प्रवाह कम किया गया। जिसके बाद मोरटक्का में भी जलस्तर कम होने लगा और शाम तक 162 मीटर वॉटर लेवल होने पर पुल शुरू होने की उम्मीद थी। इस बीच बड़वाह साइड में पुल के एक पिलर में दरार दिखने पर वाहनों का आवागमन शुरू नहीं किया गया। जानकारी मिलने पर बड़वाह एसडीएम बीएस कनेश, जनपद अधिकारी रोहित पचौरी व एनएचआई, एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति देखी।

66 साल पुराना पुल झेल रहा भारी आवागमन

खंडवा-बुरहानपुर को सीधे इंदौर से जोडऩे वाला इंदौर-इच्छापुर हाईवे स्थित मोरटक्का पुल करीब 66 साल पुराना हो चुका है। इस पुल से प्रतिदिन हजारों भारी-छोटे वाहन गुजरते हैं। पुल की चौढ़ाई भी कम है। दो साल में मोरटक्का पुल दूसरी बार क्षतिग्रस्त हुआ है। पूर्व में भी पिलर में दरार आई थी, जिसकी मरम्मत की गई थी। वर्तमान में स्थिति कितनी गंभीर है, इसकी जांच एनएचआई, एमपीआरडीसी अफसरों द्वारा की जा रही है। देर रात तक आवागमन शुरू होगा या नहीं, इसकी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई थी।