हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के खरगोन शहर की, यहां रामनवमी पर हुए दंगें की आग में अभी तक शहरवासी जल रहे हैं, यहां हर दिन कफ्र्यू लगा होने के कारण शदियां तो दूर की बात, लोग अन्य शहरों और गांवों से यहां आवाजाही भी नहीं कर रहे हैं, वर्तमान में यह शहर पूरी तरह छावनी में तब्दिल हो चुका है, यहां चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है, लोगों को घर से निकलने में भी १० बार सोचना पड़ रहा है, यहां के हालात इतने दयनीय है कि जो लोग रोज काम धंधा करके दो वक्त की रोजी रोटी कमाते थे, उनके सामने दो वक्त की रोटी की जुगाड़ करना भी चुनौती बन गया है।
यहां नहीं हुई शादियां, तय शादियां भी कैंसिल
वैसे तो यहां हर बार शादियों की बहार रहती है, इस सीजन में तो हर गली मोहल्ले और चौराहों पर बारात निकलती नजर आती थी, शादियों के पांडाल सजे रहते थे, कहीं डीजे तो कहीं बैंड पर युवा थिरकते नजर आते थे, लेकिन हिंसा की आग ने इन सब पर ब्रेक लगा दिया, उपद्रव के बाद से यहां कोई शादी नहीं हुई, अक्षय तृतीया के दिन यहां हर साल कई सामुहिक विवाह सम्मेलन होते थे, लेकिन आश्चर्य की बात है कि इस बार यहां एक भी शादी नहीं हुई।
कैंसिल कर दी शादी
खरगोन में निवास कर रहे एक शर्मा परिवार ने बताया कि उनकी बेटी की शादी आखातीज से एक दिन पहले ही २ मई को तय हुई थी, लेकिन यहां के हालात देखते हुए शादी कैंसिल कर दी है, वर पक्ष वाले लोग भी अच्छे हैं, उन्होंने भी इस बात को स्वीकार कि जैसे ही हालात सामान्य होंगे, शादी धूमधाम से करेंगे, ऐसे कई मामले इस शहर में हुए हैं, जिन्होंने शादी ब्याह के कार्ड तक छपवा लिए थे, लेकिन अचानक हुई इस हिंसा ने कई परिवारों के अरमानों पर पानी फेर दिया। अब हर किसी को यहां हालात सामान्य होने का इंतजार है। ताकि फिर से लोग अपनी आम जिदंगी जी सकें।
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माता-पिता ने ही रोक दी शादियां
जिस प्रकार माहौल यहां नजर आ रहा है, उसे देखते हुए खुद माता-पिता और परिजनों ने फिलहाल शादी रोकने का फैसला लेना ही उचित समझा है, यहां इस बार शादियों का सीजन शुरू होने के बाद से ही शादियों पर ब्रेक लग गया है, अगर ऐसे ही हालात रहे तो निश्चित ही इस सीजन में यहां एक भी शादियां होने मुश्किल है।