27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बच्चों का भोजन खटाई में : चार माह से स्व सहायता समूह को नहीं मिला पारिश्रमिक, पोषण आहार देने में परेशानी

खरगोन. जिले की मिडिल, प्रायमेरी स्कूलों में बंटने वाला मध्यांह्न भोजन खटाई में पडऩे लगा है। यहां काम को गति देने वाले स्व. सहायता समूह एवं रसोइयों को चार माह से पारिश्रमिक राशि नहीं मिली है। इससे उन्हें भोजन तैयार करने में परेशानी हो रही है।

less than 1 minute read
Google source verification

खरगोन

image

Gopal Joshi

Dec 27, 2025

Children's meals in jeopardy: Self-help groups haven't received remuneration for four months, struggling to provide nutritious meals

सांसद कार्यालय शिकायत लेकर पहुंची रसोइयां।

खरगोन. माध्यमिक और प्राथमिक स्कूलों में मध्याह्न भोजन बनाने वाले स्व.सहायता समूह एवं रसोइयोंं को चार माह से पारिश्रमिक राशि नहीं मिल पाई है। इससे समूहों को भोजन बनाने में आर्थिक संकट से जुझना पड़ रहा है। बार-बार संचालक अधिकारियों से मांग के बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नतीजतन शुक्रवार को नाराज रसोइयां सांसद कार्यालय पहुंचे। यहां ज्ञापन सौंपते हुए पारिश्रमिक राशि दिलाए जाने के साथ ही 6 सुत्रीय समस्याओं पर शासन का ध्यान खीचा। निराकरण की मांग की।
प्रांतीय महिला स्व. सहायता समूह रसोइयां संगठन महासंघ के बैनर तले सौंपे ज्ञापन में बताया कि जिले में 2100 समूहों की 21 हजार स्व. सहायता समूह व रसोइयां बहनें जुड़ी हंै। बच्चों को पोषण आहार उपलब्ध कराने के लिए वर्षों से कार्य कर रही है। राशि न आने पर समूहों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराना मुश्किल हो रहा है। गेहूं, चावल तो सहकारी दुकान से मिल जाते हैं, लेकिन सब्जी, दाल, तेल, मसाला खरीदने के लिए समूह के सदस्यों को ही रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। समय से राशि नहीं मिलने से आर्थिक संकट से जुझना पड़ रहा है। उधारी वाले भी अब तकादा लगा रहे है। इसके अलावा नवीनी मशीनीकृत केंद्रीयकृत किचन योजना निरस्ती की मांग पर भी जोर दिया।