
क्रिटिकल केयर यूनिट का भवन बनकर तैयार है। फिनिशिंग वर्क शेष है।
खरगोन. गंभीर मरीजों को रेफर करने की समस्या से मुक्ति और मुख्यालय पर ही सुविधायुक्त उपचार देने के लिए जिला अस्पताल परिसर में ५० बेड का क्रिटिकल केयर यूनिट तैयार किया जा रहा है। १६.६४ करोड़ की लागत से जिला अस्पताल परिसर में मिलने वाली सुविधा का लाभ अब तक जरूरतमंदों को नहीं मिल रहा। एक साल में तैयार होने वाली यूनिट दो साल बाद भी स्वास्थ्य महकमे को हेंडओवर नहीं हो पाई है। फिलहाल बीस लाख आबादी वाले जिले में मुख्यालय पर केवल १२ बेड का आइसीयू वार्ड है, जहां गंभीर मरीजों को उपचार दिया जा रहा है। हादसों पर गौर करें तो दो साल में २००० से अधिक सडक़ हादसे हुए हैं। इसमें ८०० से अधिक लोगों ने जान गंवाई, कारण महज इतना कि यहां उन्हें स्थाई उपचार नहीं मिल पाया।
अभी ३०० बेड वाले जिला अस्पताल में महज १२ बेड का आइसीयू है। गंभीर मरीजों के लिए यह सुविधा ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है। सडक़ हादसों में गंभीर घायलों सहित हार्ट अटैक, स्ट्रोक, ब्रेन हेमरेज और जटिल डिलीवरी से जुझते मरीजों को मजदूरी में इंदौर रेफर करना पड़ता है। ऐसे में मरीज के परिजन पर भी अतिरिक्त आर्थिक भार बढ़ता है।
आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर योजना के तहत इस यूनिट को वर्ष २०२४ में ही तैयार हो जाना था, मगर जिस ठेकेदार को काम दिया उसने बेहद धीमी गति से निर्माण किया। इसके अलावा कई बार डिजाइन में फेरबदल और बजट में रुकावट के कारण भी रोड़े आए। यहीं कारण रहे कि यह काम वर्ष २०२६ तक पेंडिंग हो गया। जिला अस्पताल परिसर में यह यूनिट रेडक्रॉस भवन के सामने पुरानी कैंटीन की जमीन पर तैयार की गई है।
जानकारी के अनुसार नई सीसीयू (क्रिटिकल केयर यूनिट) में आईसीयू, एचडीयू, आइसोलेशन, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन पाइप लाइन और मॉनिटरिंग सिस्टम सहित आधुनिक सुविधाएं जरूरतमंदों को मिलेगी। इस यूनिट में सडक़ हादसों में गंभीर घायलों, जलने वाले लोगों, कीटनाशक पीने वालों, डिलीवरी के गंभीर मरीजों को इलाज मिलेगा।
-यूनिट का भवन बनकर तैयार है, फिनिशिंग वर्क शेष है। एमपीबीडीसी काम रह रहा है। संभावनाएं हैं कि यह यूनिट फरवरी २०२६ तक शुरू हो जाएगी। फिलहाल जिला अस्पताल में १२ बेड का आईसीयू संचालित है। -डॉ. डीएस चौहान, सीएमएचओ, खरगोन
Published on:
28 Dec 2025 11:28 am
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