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जीयो टैग के सर्वे में सामने आई ऐसी 307 स्कूलें जो जर्जर, यहां बच्चों का बैठना खतरे से कम नहीं

खरगोन. जिले में जर्जर स्कूलों की पड़ताल के लिए प्रशासन ने जीया टैग के साथ सर्वे कराया। जिले में 307 स्कूल ऐसे सामने आए हैं जो जर्जर अवस्था में है। यहां पढऩे वाले बच्चों के लिए बैठना जोखिम भरा है। इन स्कूलों की हालत सुधारन के लिए ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग ने 827.98 लाख रुपए का तकनीकी प्राकल्लन तैयार किया है। तीन माह में इन स्कूलों की मरम्मत की जाएगी। प्रथम चरण के लिए पंचायत स्तर पर 244 स्कूलों की मरम्मत के लिए 625.23 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी

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खरगोन

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Gopal Joshi

Dec 29, 2025

Geo-Tag survey reveals 307 dilapidated schools, making it dangerous for children to sit there.

ग्राम पंचायत इटावदी का स्कूल भवन।

खरगोन. जर्जर स्कूलों की मरम्मत को लेकर शासन ने अपने स्तर से कवायद शुरू की है। इसके लिए प्रशासन ने शिक्षा सरोकार अभियान के जरिए प्राथमिक शालाओं की मरम्मत का खाका तैयार किया है। जिले के जीर्ण-शीर्ण व मरम्मत योग्य शासकीय प्राथमिक शाला भवनों को पुन: उपयोगी बनाने के लिए शिक्षा विभाग एवं ग्रामीण विकास विभाग के तकनीकी अमले ने संयुक्त निरीक्षण एवं तकनीकी जांच में मरम्मत योग्य मिली शालाओं को चिन्हित किया है। इन स्कूलों का सर्वे जीयो टैंग के जरिए किया गया। इसमें 307 स्कूलें ऐसी सामने आई हैं जहां मरम्मत के मरहम की सख्त दरकार है। इन स्कूलों में सुधार कार्य पंचायत, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत की 5वें, 15वें वित्त आयोग व अन्य वित्तीय स्त्रोंतों से होगा।
जिला पंचायत सीइओ आकाश सिंह ने बताया शिक्षा सरोकार अभियान के तहत मरम्मत योग्य शाला भवनों का चयन कर जियो टैग फोटो से सर्वे कराया है। सर्वे के दौरान ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग खरगोन एवं महेश्वर द्वारा मरम्मत योग्य मिली जिले की 307 शालाओं के 827.98 लाख के तकनीकी प्राकलन तैयार कराए हैं। आगामी 3 माह में सभी शालाओ की मरम्मत हो सके इस के लिए जिला पंचायत स्तर से अधिकारियों को कार्य पूर्णता तक नियमित निरीक्षण की जिम्मेदारी सौंपी है।

244 स्कूलों के लिए 625.23 लाख की मिली प्रशासकीय स्वीकृति

वर्तमान में प्रथम स्तर पर पंचायत स्तर के 244 स्कूलों की मरम्मत के लिए 625.23 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति कलेक्टर भव्या मित्तल ने जारी की है। स्कूलों में काम जल्दी शुरू हो, इसके लिए निर्माण एजेंसियों को जिम्मा दिया है।

इसलिए तैयार किया शिक्षा सरोकार अभियान

सर्व शिक्षा अभियान के तहत मरम्मत योग्य शालाओं के प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजे थे। वर्ष 2024-25 में 56 स्कूलों की मरम्मत की अनुमति मिली है। मगर, शालाओं की संख्या अधिक होने, विद्यार्थियों को सुरक्षित शैक्षणिक सुविधा देने के लिए जिला स्तर से शिक्षा सरोकार अभियान तैयार किया।

सरपंच-सचिव, जनप्रतिनिधि भी आए आगे

जानकारी के अनुसार इस अभियान में सरपंच, सचिवों ने स्वेच्छा से आगे आकर पंचायत के जरिए राशि दी है। इसके अलावा जनपद एवं जिला पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने भी उपलब्ध राशि से मरम्मत किए जाने का बीड़ा उठाया है।

पत्रिका ने उठाया था मुद्दा

जर्जर स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की पीड़ा को पत्रिका ने हाल ही में सावधान! यहां शिक्षा के मंदिरों में मंडरा रहा खतरा, स्कूल भवन हो गए खंडहर शीर्षक के साथ प्रमुखता से उठाया था।

सबस ज्यादा मरम्मत योग्य 60 स्कूल झिरन्या ब्लॉक में

जानकारी के अनुसार जिले के 9 ब्लॉक में मरम्मत योग्य सबसे ज्यादा 60 स्कूलें झिरन्या ब्लॉक में है। इसके अलावा खरगोन में 10, सेगांव में 27, गोगांवा में 9, भवगवानपुरा में 57, भीकनगांव में 2, बड़वाह में 42, महेश्वर में 29 और कसरावद ब्लॉक में 8 स्कूल मरम्मत योग्य है।

जरूरतमंद स्कूलों में यह होगा काम

इस अभियान के तहत जरूरतमंद स्कूलों की मरम्मत, रंगाई, पुताई एवं शालाओं को आकर्षक रूप देने के लिए वॉल पेंटिंग की जाएगी। जिलास्तर से की जा रही इस पहल से जीर्ण-शीर्ण एवं मरम्मत योग्य शाला उपयोगी बनेगी। इससे विद्यार्थी नियमित एवं निर्बाध रूप से शैक्षणिक लाभ प्राप्त कर सकेंगे। -आकाशसिंह, सीइओ, जिला पंचायत, खरगोन