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21वीं सदी की शादीः हेलीकॉप्टर और कारों के जमाने में बैलगाड़ी पर आया दूल्हा

दूल्हे का कहना- बैलगाड़ी व ट्रैक्टर किसान की पहचान, शादी को यादगार बनाने के लिए किया प्रयोग...।

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खरगोन

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Manish Geete

May 03, 2023

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खरगौन। पहले हम अक्सर सुनते थे कि दादा और नाना की बारात बैलगाड़ी से गई थी। वो भी कई दिनों के सफर के बाद बारात लड़की वालों के घर पहुंचती थी। लेकिन, आधुनियक युग में जब लग्जरी कार और हेलीकाप्टर से बारात ले जाने का चलन हो, ऐसे में पुराने दौर की बैलगाड़ी में बारात जाए तो अनोखा ही लगता है। ऐसा ही नजारा सभी ने देखा जब बैलगाड़ी पर दूल्हा था, पीछे-पीछे ट्रैक्टरों में बाराती भरे थे।

खरगौन जिले के बड़वाह के ग्राम बड़ेल की यह शादी इन दिनों खूब चर्चाओं में है। ग्राम बड़ेल के किसान का बेटा बैलगाड़ी पर सवार होकर दुल्हन के घर पहुंचा। जबकि बराती 35 ट्रैक्टरों में बैठकर आए थे। नजर नजारा देख पुरानी पीढ़ी के लोगों को अपने दिन याद आ गए। दरअसल, बड़ेल निवासी सीताराम परिहार के बेटे धीरज की शादी गांव के ही देवीसिंह काग की बेटी भाग्यश्री के साथ हुई। धीरज की बारात एक डीजे संग 35 ट्रैक्टर पर निकली।

दूल्हा खुद बैलगाड़ी पर सवार होकर दुल्हन लेने पहुंचा। 35 ट्रैक्टरों पर करीब 150 बाराती थे। एक किमी लंबे ट्रैक्टर के काफिले जो जिसने भी देखा वह हैरान हो गया। दूल्हे के पिता सीताराम परिहार का कहना है किसान हूं और हमारी पहचान बैलगाड़ी और ट्रैक्टर है। धीरज ने बताया उसके पिता किसान है। इसीलिए मन में विचार आया ओर ट्रैक्टर पर बारात निकालने का प्लान बनाया। इस पर परिजनों ने भी हामी भर दी।

तीन दशक पहले बैलगाड़ी से जाती थी बरात

बरात में शामिल परिजन ने बताया तीन दशक पहले गांवों में बारात के लिए पंसदीदा सवारी बैलगाड़ी ही होती थी। समय के साथ साधन बदले। बैलगाड़ी की जगह ट्रैक्टर ने ली। मध्यम वर्ग के लोग ट्रकों का उपयोग बारात जाने आने में करते थे। वहीं उच्च मध्यम वर्ग के लोग वर के लिए कार व अन्य बारातियों के लिए बसों का उपयोग करते थे। अब भी कार व बस ही बारातियों का प्रमुख साधन है।