अलग-अलग ग्रहों की अलग-अलग पूजा की जाती है। कुछ स्थानों पर नवग्रह मंदिर भी हैं जहां सभी ग्रहों की एक ही स्थान पर पूजा की सुविधा रहती है। एक ऐसा ही स्थान शहर में भी है। शहर में भी एक नवग्रह मंदिर है जोकि पूरे क्षेत्र में प्रसिद्ध है। यहां आम दिनों में भी भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है। यह सिद्ध स्थान माना जाने लगा है। मकर संक्रांति पर्व पर तो यहां सुबह से ही भक्तों की कतार लग गई थी। सुबह से ही दर्शनार्थियों और पूजा करनेवालों की लंबी कतारें मंदिर परिसर के बाहर लगी।
दरअसल यहां इस दिन नवग्रहों की विशेष पूजा की परंपरा चली आ रही है। नौ ग्रहों का पूजन कर श्रद्धालुओं द्वारा पंडितों से सत्यनारायण की कथा करवाई जाती है। इसके लिए कई माह पहले से ही पंडितों और स्थान की बुकिंग कर ली जाती है। इस दिन यहां करीब 150 जगहों पर सत्यनारायण की कथा अलग-अलग पंडितों द्वारा की जाती है। पूजन के बाद गुड़ तिल का दान भी किया जाता है।