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गजब की आस्था! 12 साल में 12 ज्योतिर्लिंग, 4 धाम की दंडवत यात्रा पर निकले एक मुनि

Dandavat Yatra: पथिक मुनि 12 ज्योतिर्लिंगों की 10,000 किमी लंबी दंडवत यात्रा पर हैं। हर कदम पर भूमि को नमन करते हुए, 12 वर्षों में पूरी होगी यह कठिन साधना। वह अब एमपी में भगवान शिव मंदिरों के दर्शन कर रहे है। (mp news)

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खरगोन

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Akash Dewani

Jun 29, 2025

Pathik Muni 10 thounsad km Dandavat Yatra of 12 Jyotirlingas MP NEWS

Pathik Muni 10 thounsad km Dandavat Yatra of 12 Jyotirlingas (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया फेसबुक)

mp news: बड़वाह नगर के इंदौर-इच्छापुर हाइवे से युवा पथिक मुनि दंडवत यात्रा (Dandavat Yatra) करते हुए ओंकारेश्वर के लिए निकले हैं। मुनि दस हजार किलोमीटर की 12 ज्योतिलिंग (12 Jyotirlingas) व चार धाम की दंडवत यात्रा कर रहे हैं। उनकी यह यात्रा करीब 12 वर्षों में पूर्ण होगी।

2 साल पहले शुरू की थी यात्रा

पथिक मुनि (Pathik Muni) ने शनिवार को बताया कि उन्होंने यह दंडवत यात्रा डूंगरेश्वर महादेव मंदिर ढांक तालुका उपलेटा जिला राजकोट गुजरात से 18 अक्टूबर 2023 को प्रारंभ की है। और वहां से गोरी सोमनाथ, द्वारका, नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्यप्रदेश के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग से इंदौर से बड़‌वाह होते हुए ओंकारेश्वर, ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग के लिए के लिए दंडवत यात्रा करते हुए जा रहे हैं। यात्रा के बाद विश्राम के दौरान मोहदरी आसाम के भक्तों ने मुनि का मंगल तिलक लगाकर आरती उतारी व आशीर्वाद प्राप्त किया।

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इस कठिन यात्रा का बताया कारण

पथिक मुनि ने यात्रा का उद्देश्य परमपिता परमात्मा भगवान शिव की भक्ति करना उनकी तपस्या करना उनका भजन करना बताया। मुनि ने बताया कि भारत की भूमि आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण है। यहां हर तीर्थ, हर पगडंडी, हर धूल का कण तप, साधना और भक्ति की गाथा कहता है। दंडवत यात्रा वह साधना है जिसमें यात्री हर एक पग के बाद भूमि पर लेटकर पूर्ण दंडवत प्रणाम करता है। यह कोई सामान्य यात्रा नहीं, बल्कि शरीर, मन और आत्मा की एक त्रिकाल साधना है। जहां शरीर कष्ट सहता है, मन एकाय होता है और आत्मा परमात्मा से जुड़ने लगती है।