
खरगोन. एएसपी को ज्ञापन देते महासंघ पदाधिकारी।
खरगोन.
किसानों को मांगों को लकेर राजधानी दिल्ली में 13 फरवरी को होने वाले किसान आंदोलन का असर जिले में दिखाई दे रहा है। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के आह्वान पर देशभर के लाखों किसान दिल्ली में जुटने वाले हंै। प्रदेश सहित जिले में इस आंदोलन में शामिल होने से किसानों को रोकने के लिए ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां की जा रही हैं। जिले में महासंघ के तीन पदाधिकारियों की गिरफ्तारी भी इसी तर्ज पर हुई। किसी को शादी समारोह से उठाया। इसके बाद सोमवार महांसघ सदस्यों व किसानों का आक्रोश देखने को मिला। सदस्यों ने कहा- हम किसान है, अनाज उगाते हैं, देश के भंडार भरते हैं। यदि उपज का वाजिफ दाम मांग रहे हैं तो कोई जुर्म कर रहे हैं क्या?
किसान नेताओं का आरोप है कि गिरफ्तारी के बाद उन्हें जमानत भी नहीं दी जा रही है। इससे नाराज सदस्यों व किसानों ने अनाज मंडी से एसपी कार्यालय तक रैली निकाली। यहां प्रदर्शन किया। एसपी कार्यालय में पांच प्रतिनिधियों को अफसरों ने बंद कमरे में बुलाया। चर्चा की। प्रतिनिधियों ने कहा- पुलिस द्वारा 24 घंटे गिर$फ्तार पदाधिकारियों छोडऩे की बात कही है। इसके आधार पर विरोध थमा है। गौरतलब है कि रविवार को पुलिस ने महासंघ के जिलाध्यक्ष किशोर पाटीदार, महामंत्री सीताराम इंगला व संगठन मंत्री नंदराम गुर्जर को गिरफ्तार किया है। महासंघ पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि मंगलवार दोपहर तक पदाधिकारियों को पुलिस नहीं छोड़ती है तो जिले भर के किसानों को साथ लेकर उग्र आंदोलन करेंगे।
मंडी में हुई बैठक, एसपी कार्यालय में दिया सांकेतिक धरना दिया
महासंघ पदाधिकारियों ने कृषि उपज मंडी में बैठक के बाद एसपी कार्यालय पहुंचकर गिरफ्तार किए गए पदाधिकारियों की रिहाई की मांग की। इस दौरान सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया। महासंघ के गोपाल पाटीदार, कैलाश पाटीदार ने बताया महासंघ के जिलाध्यक्ष किशोर पाटीदार, जिला महामंत्री सीताराम इंगला, संगठन मंत्री नंदराम की छलपूर्वक गिरफ्तारी की गई। पुलिस ने उनसे बातचीत के बहाने बुलाया और गिरफ्तार कर लिया। जमानत भी नहीं दी जा रही है। किसानों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। यह कंसराज नहीं चलने देंगे। जरूरत पड़ी तो जेल भी जाएंगे।
नाकामी दिखाई तो दबा रहे आवाज
महासंघ पदाधिकारियों ने कहा- यह देश के राजा की नाकामी है, जो नाकामी दिखाने वालों की आवाज दबाने का प्रयास कर रहे हंै। सरकार किसान, गरीब, मजदूर के बजाय कार्पोरेट पर ध्यान दे रही है। इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। सरकार ने चुनाव में खूब वादे किए थे कि किसानों को लागत मूल्य दिलाया जाएगा, कृषि की आय दोगुनी की जाएगी, स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें लागू की जाएगी, यह तीनों घोषणाएं झूठी साबित हुई है।
चरण सिंह, स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू करें तो भारत रत्न का होगा सम्मान
गोपाल पाटीदार ने किसान नेता चरणसिंह और स्वामीनाथन को मिले भारत रत्न पर कहा- हम भारत रत्न मिलने का सम्मान करते हैं लेकिन यह सम्मान तब कारगर होता तब इन दोनों महान लोगों की सिफारिशें सरकार मान लेगी। सी 2 प्लस 50 की सिफारिशों के साथ ही लागत मूल्य देने जैसी मांग इन्ही महान हस्तियों की कमेटियों ने की थी।
सीसीआई की इडी से कराएं जांच
उपज मंडी में बैठक के दौरान पाटीदार ने आक्रोश जताते हुए कहा- किसानों की आवाज दबाने गिरफ्तार किया जा रहा है, यदि सरकार सही है तो अपनी एजेंसियों की जांच कराएं। खरगोन में सीसीआई की चल रही कपास खरीदी पर सवाल खड़े करते हुए सीसीआई अधिकारियों पर गड़बड़झाला कर शासकीय राशि का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
Published on:
13 Feb 2024 11:27 am
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