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Kishangarh: लम्पी स्किन रोग से 559 गाय संक्रमित, 2 की मौत

बीमार गौवंश के उपचार में मेडिसन की कमी बनी समस्या, स्टाफ और संसाधन भी नाकाफी

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Kishangarh: लम्पी स्किन रोग से 559 गाय संक्रमित, 2 की मौत

Kishangarh: लम्पी स्किन रोग से 559 गाय संक्रमित, 2 की मौत

97 बीमार गायों की हालत में हुआ सुधार

मदनगंज-किशनगढ़.
किशनगढ़ के शहरी क्षेत्र समेत आस-पास के कई गांवों में लम्पी स्किन रोग से एक सप्ताह में 559 गौवंश संक्रमित हो गया है। जबकि अभी तक इनमें से संक्रमित 2 गायों की मौत भी हो चुकी है। संक्रमित गौवंश के उपचार मेेंं दवाईयों की कमी भी एक बड़ी समस्या बन कर सामने आई है, जबकि पशु पालन विभाग पहले से ही संसाधनों और स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। ऐसे में संक्रमित गौवंश के उपचार के लिए पशु चिकित्सकों को सभी जगह तत्काल पहुंच पाना मुश्किल बना हुआ है। हालांकि पशु पालन विभाग के कार्मिक एवं पशु चिकित्सक उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से ही संक्रमित गौवंश का उपचार करने में जुटे हुए है।
किशनगढ़ नोडल क्षेत्र के शहरी क्षेत्र समेत आस-पास के 10 से अधिक गांवों में सप्ताहभर में लम्पी स्कीन रोग से संक्रमित 559 गायें सामने आई और पशु पालन विभाग ने इन संक्रमित गौवंश का उपचार शुरू किया। इनमें से सिलोरा स्थित एक गौशाला में संक्रमित एक गाय एवं एक अन्य गांव की संक्रमित गाय की उपचार के दौरान मौत हो गई। इनमें से 97 संक्रमित गायों की स्थिति में सुधार हो गया है एवं शेष उपचारत है। वर्तमान में संक्रमण के इस समय पालतु गौवंश के साथ ही लावारिस गौवंश की भी देखभाल की जरुरत है। दिन प्रतिदिन यह लम्पी स्क्रीन रोग इन दिनों तेजी से गायों में फैल रहा है और गायें संक्रमित हो रही है। इस रोग को लेकर भी पशु पालकों के साथ ही आमजन को भी जागरुक रहना होगा और बीमार गौवंश को तत्काल पशु चिकित्सालय पहुंचाना होगा। ताकि समय पर उसका उपचार हो सके और वह अकाल मौत का ग्रास बनने से बच सके।

इन गायों में मिली संक्रमित गायें
किशनगढ़ नोडल क्षेत्र के शहरी क्षेत्र के सांवतसर समेत ग्रामीण क्षेत्र के बांदरसिंदरी, तिलोनिया, नलू, सिलोरा, बरना, सरगांव, काढ़ा, मालियों की बाड़ी, कुचील, रलावता एवं खातौली में लम्पी स्किन रोग से संक्रमित गायें मिल चुकी है। जो कि पशु चिकित्सकों की देखरेख में उपचारत है।
इनका कहना है...
बीमार गौवंश की सूचना पर तत्काल उपचार के लिए मौके पर जा रहे है। लम्पी स्किन बीमारी सेे ग्रसित गायों को आईसोलेशन में रखा जाकर उपचार किया जा रहा है।
-देवेंद्र कुमार राठौड़, वरिष्ठ पशु चिकित्सक, नोडल अधिकारी, किशनगढ़।