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इस विधानसभा सीट से कभी महिला नहीं बनीं विधायक, धनखड़ विधायक बन पहुंचे उपराष्ट्रपति पद तक

Rajasthan Assembly Election 2023: किशनगढ़ की पूर्व राजघराने से आजादी के बाद राजनीतिक पहचान कायम है। किशनगढ़ की जनता ने आजादी के बाद हुए सभी विधानसभा चुनाव में विधायक चुनकर भेजे हैं। मगर यहां से अब तक एक भी महिला विधायक नहीं बनीं।

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रक्तिम तिवारी/अजमेर. Rajasthan Assembly Election 2023: किशनगढ़ की पूर्व राजघराने से आजादी के बाद राजनीतिक पहचान कायम है। किशनगढ़ की जनता ने आजादी के बाद हुए सभी विधानसभा चुनाव में विधायक चुनकर भेजे हैं। मगर यहां से अब तक एक भी महिला विधायक नहीं बनीं। खास बात है कि यहां से विधायक बने जगदीश धनखड़ वर्तमान में देश के उपराष्ट्रति हैं।

1957 में हुए आम चुनाव से किशनगढ़ सीट का प्रतिनिधित्व शुरू हुआ। तबसे 66 साल हो चुके हैं। लगातार इस सीट से कांग्रेस, भाजपा, स्वतंत्र पाटी, जनता पार्टी के प्रत्याशी विधायक चुने जाते रहे हैं। इनमें सभी विधायक पुरुष ही बने हैं।
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महिला को नहीं प्रतिनिधित्व
किशनगढ़ सीट से किसी सियासी दल ने महिलाओं को टिकट देने की पहल नहीं की है। पहली विधानसभा से अब तक केवल पुरुष ही विधायक निर्वाचित हो रहे हैं। यहां से महिलाओं को सदन में भागीदारी का इंतजार है।

धनखड़ बने उप राष्ट्रपति
1993 में भाजपा की सरकार बनने के बावजूद कांग्रेस के टिकट पर जगदीप धनखड़ किशनगढ़ से विधायक बने। इसके बाद वे दोबारा कभी विधायक नहीं रहे। हालांकि मौजूदा एनडीए सरकार ने उन्हें 2018 में पश्चिम बंगाल का राज्यपाल और 2022 में उप राष्ट्रपति बनाया है। वे राज्यसभा के सभापति हैं।
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यह रहे विधायक
1957-पुरषोत्तम लाल
1962-बालचंद
1967-एस.सिंह
1972-प्रताप सिंह
1977-करतार सिंह
1980-केसरीचंद चौधरी
1985-जगजीत सिंह
1990-जगजीत सिंह
1993-जगदीप धनखड़
1998, 2008-नाथूराम सिनोदिया
2003, 2013-भागीरथ चौधरी
2018-सुरेश टाक