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नगर की तीसरी आंख बरसों से बंद

नगर के मुय चौराहे सहित कई जगह लगाए गए थे सीसीटीवी कैमरे कैमरे फिर से चालू होने से अपराध पर लग सकता है अंकुश

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The third eye of the city is closed for years

नगर की तीसरी आंख बरसों से बंद

मदनगंज-किशनगढ़. नगर की तीसरी आंख पिछले पांच सालों से बंद पडी है। यदि इन्हें फिर से शुरू करा दिया जाए तो नगर में घटने वाली वारदातों पर लगाम लग सकती है। साथ ही आरोपित भी पुलिस की पकड़ में आ सकते है। इसके बावजूद इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
नगर में करीब पांच पहले नगर के मुय चौराहे पर, तेल मिल चौराहा और पुराना बस स्टैण्ड पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। कैमरों को लाइव देखने के लिए मदनगंज थाने में एलसीडी आदिभी लगाई गई थी। यह व्यस्था कुछ समय के लिए चालू रही, लेकिन यह धीरे-धीरे बंद हो गई। अब नगर में तीनों स्थानों पर ही सीसीटीटी कैमरे शोपिस बनकर लगे हुए है। यदि अब भी इनकी ओर ध्यान नहीं दिया गया तो आगामी वर्षो में यह गायब हो जाएंगे। यदि इन कैमरो को फिर से चालू करवा दिया जाए तो नगर में घटने वाली वारदातों में कमी आ सकती है। वहीं अपराध करके भागने वाले आरोपितों की पहचान और उनकी गिरतारी में आसानी हो सकती है। उल्लेखनीय है कि नगर में पिछले कुछ दिनों से ठगी और चोरियों की सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आरोपित भी पुलिस की गिरतर से दूर है। सीसीटीवी कैमरे चालू होने से पुलिस को भी सहायता मिलेगी और आमजन भी महफूज रहेगा।
ेएक सप्ताह में ठगी की तीन वारदात
- अजमेर रोड पर महिला को समोहित कर ५० तोला सोना ले गए।
- कृष्णापुरी में ज्वैलर्स के यहां से दो अंगूठी और एक सोना का पैडल की ठगी।
- वाईएनएच के पास महिला से दो तोला सोना व एक किलो चांदी की ठगी
अजमेर की तर्ज पर लगने चाहिए कैमरे
अजमेर के अधिकांश चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए है। कैमरे लगने से अजमेर में होने वाली वारदातों के आरोपित कैद हो जाते है और पुलिस को भी उनकी धरपकड़ में आसानी होती है। गत दिनों दरगाह क्षेत्र से बच्चा चुराकर ले जाते युवक भी कैमरे में कैद हुआ था, जिसे पुलिस ने खोज निकाला था। इसी तर्ज पर किशनगढ़ में सीसीटीवी कैमरे लगने चाहिए।
दुकानों पर लगे कैमरों की क्वालिटी खराब
नगर में कई दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठान में कैमरे लगा रखे है। बैंकों के एटीएम आदि में कैमरे लगे है। लेकिन उनकी क्वालिटी अच्छी नहीं होने के कारण उसमें चेहरे साफ नहीं आ पाते है। इसके कारण चोर अथवा आरोपित सीसीटीवी कैमरे में कैद होने के बावजूद पुलिस की पकड़ में नहीं आ पाते है। इसके लिए दुकानों अथवा प्रतिष्ठानों पर अच्छी क्वालिटी के कैमरे लगाए जाने चाहिए।