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बंगाल के 3 आईपीएस को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुलाया

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर इलाके में हुए हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुलाने का फैसला किया है। मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि नड्डा की सुरक्षा में चूक के लिए जिम्मेदार बंगाल के तीन आईपीएस अधिकारियों को गृह मंत्रालय ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सेवा देने के लिए बुलाया गया है

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बंगाल के 3 आईपीएस को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुलाया

बंगाल के 3 आईपीएस को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुलाया

नड्डा की सुरक्षा में चूक पर केंद्रीय गृह मंत्रालय का बड़ा कदम
केन्द्र और राज्य सरकार में फिर बढ़ेगी खींचतान
कोलकाता. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर इलाके में हुए हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुलाने का फैसला किया है। मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि नड्डा की सुरक्षा में चूक के लिए जिम्मेदार बंगाल के तीन आईपीएस अधिकारियों को गृह मंत्रालय ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सेवा देने के लिए बुलाया गया है। अधिकारी ने कहा कि यह निर्णय सभी भारतीय सेवा अधिकारियों को नियंत्रित करने वाले नियमों के तहत लिया गया है। दूसरी तरफ इसे लेकर पश्चिम बंगाल सरकार ने गृह मंत्रालय को चि_ी लिखी है। इसमें कहा गया है कि आईपीएस अधिकारियों को गृह मंत्रालय अटैच नहीं कर सकता। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सौगत राय ने कहा कि आईएएस/आईपीएस अधिकारी संविधान के अनुच्छेद 312 द्वारा शासित होते हैं, एक पद के लिए चुने जाने के बाद उन्हें राज्य कैडर सौंपा जाता है। केंद्र प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने वाले अधिकारियों के नाम मांग सकता है, फिर उन्हें भेजना है या नहीं करना राज्य पर निर्भर करता है। आमतौर पर किसी भी भारतीय सेवा अधिकारी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में सेवा देने से पहले राज्य सरकार की सहमति ली जाती है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के इस कदम से पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के बीच चल रही खींचतान के और बढऩे की संभावना है।
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डीजीपी और मुख्य सचिव को किया है तलब
इससे पहले गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी वीरेन्द्र और मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय को समन भेजकर तलब किया। मंत्रालय ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए 14 दिसम्बर को पेश होने को कहा। इस पर राज्य सरकार नाराज हो गई। राज्य सरकार का कहना है कि गृह मंत्रालय के समन पर डीजीपी और मुख्य सचिव दिल्ली नहीं जाएंगे। अब तीन आईपीएस अधिकारियों को बंगाल से दिल्ली बुलाने का फैसला किया गया है। राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर तमाम तरह के सवाल भी उठने लगे हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने हमले के एक घंटे बाद ही रिपोर्ट मांगी थी। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कानून व व्यवस्था की स्थिति पर गृह मंत्री शाह को रिपोर्ट भेज दी है।
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आरोप-प्रत्यारोप तेज
नड्डा के काफिले पर हमले के बाद से आरोप-प्रत्यारोप तेज है। गत गुरुवार को दक्षिण 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर इलाके में उनके काफिले पर ईंट-पत्थर से हमला किया गया था। भाजपा ने दावा किया कि हमले में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय समेत कई नेता घायल हुए। नड्डा ने इसके लिए तृणमूल कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे भाजपा की नौटंकी करार दिया।